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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
महर्षि वाल्मीकि आश्रम प्राचीन मां महाकाली मंदिर, धर्म कांटा बरेली, पर आदेश नाथ उर्फ वीरू गुरू जी ने आम जन को राजमा चावल का लंगर वितरण कराया। उन्होंने बताया। कि इस दिन सिख समाज और हिन्दू समाज में खासा महत्व है। आज के दिन उन्होंने पहले जनकपुरी गुरूद्धारे में अपने परिवार और समर्थकों के साथ में माथा टेका। वाल्मीकि आश्रम में आ कर पूजा अर्चना कर अपना दरबार लगाया। इस दिन सिखों के दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी ने वर्ष 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। इस कारण से इसे मेष संक्राति भी कहा जाता है।
च्छी पैदावार के लिए ईश्वर का धन्यवाद किया जाता है
आज के दिन रवी की फसल पक जाती है। उसकी अच्छी पैदावार के लिए ईश्वर का धन्यवाद किया जाता है। आज के दिन किसान अपनी फसल काट कर घर लाता है। इसकी भी खुशी मनाई जाती है। आज के ही दिन सिखों के नव वर्ष की शुरूआत होती है। इस कारण से भी बैसाखी का सिख समाज में बहुत महत्व है। मुगलकालीन शासन काल में जब क्रुर शासक औरंगजेब के समय में गैर मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे थे। जब गुरू गेविंद सिंह उनकी रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना कर उनकी रक्षा की थी। सबको गले लगाया था। सिख समाज में सभी पर्वों को समान रुप से मनाया जाता है। उसी का निवर्हन करते हुए वे भी सभी पर्वो होली, दिवाली, गुरू पूर्णिमा, गणेश उत्सव व अन्य पर्व भी मनाते है। समाज को एकता और भाई चारे का संदेश देने का प्रयास करते है। इस पर्व की खुशी में उन्होंने आम जन को राजमा चावल का लंगर कराया। लंगर शुरू होते ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी और सबने लंगर का आंनद लिया। इस मौके पर गुरू आदेश नाथ उर्फ वीरू गुरू जी, पीएस सक्सेना, सरदार काली चरन, ओपी सिंह, कुलविंदर सिंह, गौरव गर्ग, अरविंद कुमार, मनोज कुमार, गजेन्द्र, मुकेश, लाल बहादुर, देवेन्द्र उर्फ दीपू, बंटी, रूचि, बलविंदर कौर, अमरजोत कौर, जसबिंदर कौर, सरबजीत कौर, सैजल, रितू, अभिषेक कुमार, अमन आदि लोग मौजूद थे।