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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
रमज़ान के आखिरी जुमे जुमा-तुल-विदा की नमाज़ शहर की तमाम मस्जिदों में अदा की गई। सुबह से ही मुस्लिम बस्तियों में नमाज़ को लेकर उत्साह देखा गया। बड़ों के साथ बच्चों और बुजुर्गों ने भी रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत में अपना दिन गुज़ारा। शहर की प्रमुख मस्जिदों, दरगाहों और खानकाहों में नमाज़ियों की भारी भीड़ उमड़ी। सभी मस्जिदों में खुत्बा से पहले इमामों की तक़रीर हुई।
मुख्य नमाज़ किला जामा मस्जिद में अदा की गई। जहां हज़ारों नमाज़ियों ने शिरकत की। दोपहर 1:30 बजे शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम ने पहले खुत्बा पढ़ा और फिर नमाज़ अदा कराई। अपने खिताब में उन्होंने रमज़ान की फज़ीलत, कुरान की अजमत और ज़कात-फितरा के महत्व पर रोशनी डाली। आखिर में मुल्क और मिल्लत की खुशहाली के लिए दुआ की गई।
नासिर कुरैशी ने बताया कि शहर में सबसे आखिर में नमाज़ दरगाह आला हजरत पर 3:30 बजे अदा की गई। यहां मुफ्ती ज़ईम रज़ा ने नमाज़ पढ़ाई। इस दौरान दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हानी मियां, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां और आला हजरत परिवार के तमाम लोगों ने नमाज़ अदा की।
दरगाह ताजुशशरिया पर दोपहर 2 बजे काज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रज़ा खान (असजद मियां) ने नमाज़ अदा कराई। यहां जमात के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां समेत कई अन्य लोगों ने शिरकत की। नमाज़ के बाद सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने कहा कि जो शख्स रोज़ा न रखे, उस पर भी सदका-ए-फितर वाजिब है। उन्होंने अपील की कि जकात और सदका की रकम जल्द अदा करें, ताकि गरीब मुसलमान भी ईद की खुशियों में शामिल हो सकें।
शहर की कई प्रमुख मस्जिदों में भी बड़ी संख्या में नमाज़ियों ने जुमा-तुल-विदा की नमाज़ अदा की। दरगाह शाहदाना वली, दरगाह शाह शराफत अली मियां, दरगाह वली मियां, दरगाह बशीर मियां, दरगाह तहसीनिया, खानकाह-ए-वामिकिया, मस्जिद नौमहला, नूरानी मस्जिद, सुनहरी मस्जिद, पीराशाह मस्जिद, साबरी मस्जिद, छः मीनारा मस्जिद, बीबी जी मस्जिद, मोती मस्जिद, हरी मस्जिद, इमली वाली मस्जिद, कचहरी वाली मस्जिद, मिर्जाई मस्जिद नमाज़ के बाद सभी ने अल्लाह से रहमत, बरकत और मुल्क की सलामती की दुआ मांगी।