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पांचाल प्रदेश की उत्तरी राजधानी अहिच्छत्र की लीलौर झील होगी पुनर्जीवित... जानिए किसके आदेश पर प्रशासन ने उठाया कदम

जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समस्त जनपदों में विलुप्त हो रही अथवा मृत-प्राय एक नदी तथा एक झील को पुनर्जीवित तथा उनका पुर्नोउद्वार करने का दायित्व सौंपा है।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता। 

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जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से समस्त जनपदों में विलुप्त हो रही अथवा मृत-प्राय एक नदी तथा एक झील को पुनर्जीवित तथा उनका पुर्नोउद्वार करने का दायित्व सौंपा है। 

जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त नगर निगम, मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी आंवला, खंड विकास अधिकारी रामनगर, तहसीलदार आंवला के साथ प्राचीन कालीन पांचाल प्रदेश की उत्तरी राजधानी अहिच्छत्र में स्थित लीलौर झील का स्थलीय निरीक्षण किया और लोगों से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि यह लीलौर झील महाभारत कालीन है और यहीं पर पांडवों के अग्रज युधिष्ठिर से यक्ष ने प्रश्न किये थे। संवाद की साक्षी महाभारत कालीन लीलौर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अपार सम्भावनाएं हैं। गांव वालों ने बताया कि भारी संख्या में प्रवासी पक्षी भी यहां पर आते हैं। 

लिलौर झील लगभग 52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है और इसको एक उत्कृष्ट पर्यटन के रूप में विकसित करने की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए इस ऐतिहासिक/पौराणिक झील को एक महत्वपूर्ण धार्मिक/अध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), उप जिलाधिकारी आंवला, खण्ड विकास अधिकारी रामनगर, तहसीलदार आंवला, नायब तहसीलदार सिरौली, एडीओ पंचायत रामनगर, राजस्व निरीक्षक नवाबपुरा, क्षेत्रीय लेखपाल, प्रधान/सचिव ग्राम लीलौर सहसा, प्रधान/सचिव ग्राम लीलौर बुजुर्ग, सचिव ग्राम लीलौर चाहरम, वन क्षेत्राधिकारी ऑवला रेंज, एसडीओ नलकूप तृतीय ऑवला, जल जीवन मिशन के प्रतिनिधि की एक कमेटी का गठन किया गया है। उक्त कमेटी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में काम करेंगी एवं इस कमेटी की संयोजक अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) होंगी।

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नाहल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए किया गया कमेटी का गठन 

जिलाधिकारी अविनाश सिंह की ओर से  मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी, मीरगंज, बी०डी०ओ० मीरगंज, तहसीलदार मीरगंज, सहायक अभियन्ता सिंचाई विभाग के साथ मीरगंज स्थित नाहल नदी का स्थलीय निरीक्षण किया गया था जोकि रामपुर जनपद की मिलक तहसील के धनेली पूर्वी ग्राम से तहसील मीरगंज के ग्राम लाभारी में प्रवेश करती है। उन्होंने बताया  कि  नाहल नदी को विकसित करने के उद्देश्य से मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), डी०सी० मनरेगा, उप जिलाधिकारी (मीरगंज), खण्ड विकास अधिकारी मीरगंज, तहसीलदार मीरगंज, नायब तहसीलदार मीरगंज अधिशासी अभियन्ता बाढ़ खण्ड/सिंचाई विभाग/नलकूप खण्ड, राजस्व निरीक्षक, कुल्छा खुर्द, लभारी, नौसना, खरकिटी, खमरिया सानी, सिलरापुर, लेखपाल, कुल्छा खुर्द, लभारी, नौसना, खिरकिटी, खमरिया सानी, सिलरापुर, प्रधान ग्राम कुल्छा खुर्द, लभारी, ग्राम नौसना ग्राम खिरकिटी, ग्राम खमरिया, सानी, ग्राम सिलरापुर, सचिव ग्राम कुल्छा खुर्द, लभारी, ग्राम नौसना ग्राम खिरकिटी, ग्राम खमरिया सानी, ग्राम सिलरापुर की एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।  
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