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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
पूरनपुर तहसील के सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र में दो किसानों की जान लेने वाली हमलावर बाघिन को आखिरकार पांचवें दिन रेस्क्यू टीम ने ट्रैंकुलाइज कर पकड़ लिया है। इस सफल ऑपरेशन के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी राहत महसूस की है। अब आगे की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र में आदमखोर बाघ वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। बीते दिनों शाहजहांपुर वन प्रभाग की खुटार रेंज के अंतर्गत आने वाले गांव दुर्जनपुर कलां और चतीपुर के दो किसानों पर हमला कर उसने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। इन घटनाओं के बाद शासन द्वारा हमलावर बाघ को पकड़ने की अनुमति दी गई। बाघ को रेस्क्यू करने की जिम्मेदारी पीलीभीत टाइगर रिजर्व को सौंपी गई, जिसमें ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार के नेतृत्व में टीम बीते मंगलवार से ही क्षेत्र में डेरा डाले हुए थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में अन्य डिवीजनों के विशेषज्ञ भी बुलाए गए थे।
शनिवार रात करीब 9 बजे हमलावर बाघ हरीपुर किशनपुर में सुखदेव सिंह के फार्म हाउस पर जा पहुंचा और घर में घुसने का प्रयास भी किया। परिजनों की नजर जब गेट के पास बैठे बाघ पर पड़ी तो हड़कंप मच गया। शोर-शराबा करने पर बाघ वहां से चला गया। कुछ देर बाद ही बाघ के हरीपुर में एक गन्ने के खेत में मौजूद होने की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जा पहुंची और गन्ने के खेत को घेर लिया। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों और टीम ने घंटों गन्ने के खेत को घेरे रखा, लेकिन हमलावर बाघ ग्रामीणों और टीम को चकमा देकर निकल गया। गन्ने के खेत से निकलने के बाद बाघ ने जंगल किनारे बांधे गए ट्रैप एनिमल को मारकर खा लिया था।
रविवार को दिनभर चली कवायद के बाद आखिरकार हमलावर बाघ को पकड़ लिया गया। टीम को पहले से ही बाघ के बजाय बाघिन होने की आशंका थी, जो कि सही साबित हुई। डॉ. दक्ष द्वारा चलाई गई एक डॉट से बाघिन बेहोश हो गई और टीम ने उसे पिंजरे में कैद कर लिया।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बाघिन को रेस्क्यू कर लिया गया है। किशनपुर के अफसरों से संपर्क जारी है और अग्रिम निर्णय उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लिया जाएगा। इस सफल रेस्क्यू से क्षेत्र में दहशत का माहौल खत्म हो गया है और लोगों ने राहत की सांस ली है।