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Bareilly News: परिषदीय स्कूलों के विलय पर शिक्षकों समेत कई संगठनों का हल्ला बोल

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नरेश गंगवार ने कहा कि सरकार की नीति से बरेली जिले में 617 प्राइमरी और जूनियर स्कूल बंद हो जाएंगे। यह वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों पर हमला है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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Sanjay Shrivastav
Pri edu

 बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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परिषदीय विद्यालयों के विलय को लेकर शिक्षक संघों के साथ ट्रेड यूनियन समेत कई अन्य संगठनों ने विरोध तेज कर दिया है। विभिन्न संगठनों ने रविवार को गांधी उद्यान में बैठक कर शिक्षा बचाओ मोर्चा बरेली का गठन करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। इसमें तय किया गया कि अपनी मांगों को लेकर 4 जुलाई को बाइक रैली और 8 जुलाई को डीएम को ज्ञापन दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नरेश गंगवार ने कहा कि सरकार की नीति से बरेली जिले में 617 प्राइमरी और जूनियर स्कूल बंद हो जाएंगे। यह वर्तमान पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों पर हमला है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। अभी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ज्ञापन दिया जा रहा है।

स्कूलों का विलय असल में शिक्षा पर किया गया हमला है

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उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि स्कूलों का विलय असल में शिक्षा पर किया गया हमला है। इसके खिलाफ साझा संघर्ष किए जाने की जरूरत है। अन्य संगठनों और ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्षों से भी बात करने की जरूरत है।

यह निर्णय बच्चों के भविष्य को धूमिल करने वाला है

यूटा के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि यूपी सरकार का यह फैसला काले दिनों में गिना जाएगा। यह बच्चों के भविष्य को धूमिल करने का निर्णय है। यह शिक्षा के अधिकार का भी उल्लंघन है। यह सरकार की सोची समझी रणनीति है। इसके खिलाफ कोर्ट में भी अपील की जाएगी और साथ ही संयुक्त तौर पर संघर्ष को भी आगे बढ़ाया जाएगा।

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सरकार का यह कदम शिक्षा और शिक्षक दोनों पर हमला है

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला कोषाध्यक्ष परीक्षित गंगवार ने कहा कि सरकार का यह कदम शिक्षा और शिक्षक दोनों पर हमला है। इसका सभी को एकजुट होकर विरोध करने की जरूरत है। इंकलाबी मजदूर केंद्र के शहर सचिव ध्यान चंद्र मौर्य ने कहा कि योगी सरकार का यह फैसला समाज विरोधी है। परिवर्तनकामी छात्र संगठन के शहर सचिव कैलाश ने कहा कि सरकार का यह फैसला कोरोना काल में लागू छात्र विरोधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ही हिस्सा है। इस फैसले के लागू होने से गरीब वंचित तबके के छात्र शिक्षा से दूर होते जाएंगे।

मजदूर-कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही सरकार 

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बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार मजदूर-कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है। अब शिक्षा पर भी योगी सरकार ने हमला बोला है। कोई भी विभाग सरकार के इन हमलों से अछूता नहीं है। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के मंडल मंत्री केसी पटेल ने कहा कि सरकार पढ़ाई के साधन बंद करने से जनता के एक हिस्से को निरक्षर रखना चाहती है।

सरकार की मंशा को नाकामयाब करने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें

क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सचिव फैसल ने कहा कि अब सरकार लगातार अपने नागरिक और सामाजिक दायित्वों-कर्तव्यों से पीछे हट रही है। हमें एकजुट संघर्ष से सरकार की इस मंशा को नाकामयाब करना होगा। बैठक का संचालन बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के उप महामंत्री ललित ने किया। अंत में निर्णय लिया गया कि सरकार के शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ मांगे पूरी नहीं होने तक एकजुट होकर संघर्ष किया जाएगा।

इस दौरान हेमंत कुमार, राज, सुनील कोली, हेमंत मौर्य, देवराज, सतेंद्र पाल, किशोर मौर्य, विनोद कुमा, नरेश पाल सिंह, पुष्पराज सिंह, परीक्षित गंगवार आदि लोग शामिल रहे।

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