Advertisment

प्रधानमंत्री मोदी के 11 साल पूरे होने पर मौलाना रजवी बरेलवी का बयान: विकास की सराहना, पर बढ़ती नफरत पर चिंता

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुबारकबाद दी है।

author-image
Sudhakar Shukla
maulana rizvi
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुबारकबाद दी है। प्रेस को जारी एक बयान में मौलाना रजवी ने प्रधानमंत्री के पिछले कार्यकाल की योजनाओं की सराहना की, लेकिन साथ ही समाज में बढ़ती नफरत और हिंदू-मुस्लिम के बीच दूरियों पर भी चिंता व्यक्त की।

योजनाओं की सराहना और भेदभाव रहित विकास

मौलाना रजवी बरेलवी ने अपने बयान में कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 11 साल मुकम्मल कर लेने पर मुबारकबाद पेश करता हूं।" उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई विभिन्न योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन योजनाओं से सभी समुदाय के लोगों को फायदा पहुंचा है और योजनाओं में किसी तरह से भेदभाव नहीं किया गया। उन्होंने कुछ ऐसी योजनाओं का भी उल्लेख किया जो पहली बार शुरू हुईं, जिनकी सराहना विश्व स्तर पर की जा रही है।

Advertisment

बढ़ती नफरत और हिंसक घटनाओं पर चिंता

हालांकि, मौलाना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के गत वर्षों के दस साल के शासन काल में हिंदू-मुस्लिम की घटनाएं बहुत कम हुई थीं, मगर तीसरे कार्यकाल के पहले साल में बड़ी तेजी से हिंदू और मुसलमानों के दरमियान नफरत का माहौल बढ़ा है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में अल्पसंख्यकों के साथ हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र किया। मौलाना रजवी ने इन हिंसक घटनाओं की जिम्मेदारी सीधे प्रधानमंत्री पर नहीं डाली, बल्कि इसके जिम्मेदार उन छोटे-छोटे संगठनों को ठहराया जो "आए दिन उत्पाद मचाते हैं।" उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इन तमाम चीजों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

सरकार और मुस्लिम समुदाय के बीच संवाद की अपील

Advertisment

मौलाना ने आगे कहा कि "मुसलमान और भारत सरकार के दरमियान डायलॉग यानी बातचीत का सिलसिला बंद है, इसी वजह से दूरियाँ बढ़ी और आपसी सौहार्द में कड़वाहट आई।" उन्होंने इस स्थिति को दुरुस्त करने के लिए प्रधानमंत्री से अपने बंद दरवाजे खोलने और मुसलमानों से बातचीत करने की अपील की।

इसी के साथ, मौलाना रजवी ने तमाम मुसलमानों से भी गुजारिश की कि वे लोग भी दुश्मनी छोड़कर दोस्ती का हाथ बढ़ाएं। उन्होंने कहा, "किसी व्यक्ति या सरकार से बहुत दिनों तक टकराव की पॉलिसी पर अमल करना तरक्की व कामयाबी में बाधा है, इसलिए अब दुश्मनी छोड़कर दोस्ती करें, ताकि देश में अल्पसंख्यकों के हितों के लिए कुछ बेहतर हो सके।"

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का यह बयान सरकार की उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए, समाज में बढ़ रहे तनाव को कम करने और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए संवाद और सहयोग की आवश्यकता पर बल देता है।

Advertisment
Advertisment