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हर मुसलमान अपने मकान, दुकान और मदरसो पर तिरंगा झंडा लहराए: मौलाना शहाबुद्दीन

मौलाना शहाबुद्दीन ने 15 अगस्त के मद्देनजर कहा कि हर मुसलमान को अपने मकान दुकान और मदसरों पर तिरंगा झंडा लहराना होगा। वह बोले 13 अगस्त से 16 अगस्त तक तिरंगा लहराएं।

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YBN News
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता ।ऑल इंडिया मुस्लिम जमात से जुड़े उलमा की एक गोष्ठी दारुल उलूम गेसे आजम बरेली में हुई। उसमें उलमा ने कहा कि देश का हर मुसलमान अपने दुकानमकान पर झंडा लहराये। इस्लामी संस्थाओंमदरसोंदरगाहो और स्कूल-कालेजों में झंडा लहराये। उलमा ने ये भी कहा कि इस्लाम मानवता को बढ़ावा देता है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने भी इन्हीं सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किया।

13 अगस्त से 16 अगस्त तक लगाएं तिरंगा

गोष्टी की अध्यक्षता करते हुए संगठन के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि भारत को आजाद हुए 77 साल गुजर गए। आज हम जशने आजादी मना रहे हैं। मैं भारत में रहने वाले तमाम नागरिकों और खास तौर पर मुसलमानों से आह्वान करता हूं कि हर व्यक्ति अपनी दुकान और मकान पर 13 अगस्त से 16 अगस्त तक तिरंगा झंडा लगाएं। मदरसों और स्कूल व कॉलेजों जैसे संस्थानों के जिम्मेदारान से मेरी अपील है कि जशने आजादी को धूम धाम से मनाएं और इस मौके पर कार्यक्रमो का आयोजन करें।मौलाना ने कहा कि तिरंगा झंडा हमारे भारत की शान हैजो दुनिया में अपनी शानदार पहचान रखता है।

आजादी में सबका योगदान रहा है

 भारत को आजाद करने में सभी सम्प्रदाय के लोगों का योगदान रहा है।इस योगदान में किसी को कमतर के तौर पर नहीं आका जाना चाहिए। हर एक व्यक्ति ने देश को आजाद करने में कुर्बानियां दी है। मदरसे के छात्रों ने तराना-ए-हिंद का पाठ किया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले अल्लामा फजले हक खैराबादीमुफ्ती रज़ा अली खा बरेलवी और खान बहादुर खां और अब्दुल कलाम आजाद का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में इन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई।उसे भूमिका को याद किया गया। युद्ध लड़ने के लिए फतवा दिल्ली की जामा मस्जिद से दिया गया था। मुफ्ती इनायत अहमद काकोरवीहसरत मोहानी और मौलाना किफायत अली काफी मुरादाबादी को अंग्रेजों ने उनकी भागीदारी के लिए दंडित किया था।इन उलमा को काला पानी भेजकर क़ैद किया। उसमें कुछ लोगों को फांसी दे दी। देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र होने से पहले हजारों मुजाहिदीन-ए-आजादी ने अपने जीवन का बलिदान दिया था।

सभी पंथ - सुमदाय- धर्मों ने संस्कृति को समृद्ध किया

 मौलाना ने कहा कि भारत किसी एक समुदाय के कारण स्वतंत्र नहीं हुआ। देश सभी वर्गों के बलिदान के बाद मुक्त हुआ है।मौलाना गुलाम मोहियूद्दीन हशमती अध्यक्ष मदरसा गैसे आजम बरेली ने कहा कि भारतीय संस्कृति की मुख्य विशेषता ये है कि हिंदू मुस्लिम बौध जैन सिक्ख ईसाई सभी समुदाय ने विभिन्न संस्कृतियों और परम्पराओं को स्वीकार करनेकी अपनी क्षमता के साथ भारतीय संस्कृति के समृद्ध किया है। संस्कृति और अध्यात्म का सार केवल एक धर्म से ही जुड़ा नहीं है। विभिन्न धर्म की परम्पराओं ने भारतीय समाज को नैतिकता और आदर्शे से जोड़ा है।मौलाना फारूख नूरी ने कहा कि देश की स्वतंत्रता में हिंदुओं और मुसलमानों का मिश्रित योगदान रहा है।

काकोरी का इतिहास याद करें

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मौलाना अकबर अली ने कहा कि देश की आजादी में हमारे बुजुर्गो का बड़ा योगदान रहा है। मौलाना अबसार रज़ा हबीबी ने कहा कि काकोरी में सैकड़ों बेकसूर लोगों को अंग्रेजों ने शहीद कर दिया थाइस इतिहासिक घटना को 100 साल पूरे हो चुके है। समाजसेवी हाजी नाजिम बेग ने कहा कि सरकार स्वतंत्रा संग्राम सेनानीयों के नाम से डाक टिकट जारी करे और चौराहों के नाम रखे जाये।बैठक मे शकील खांहाजी असरार खांरोमान अंसारीहाफिज अरशद अलीदानिश अंसारीहाफिज शाहिद सहजील खांसलीम अंसारीशोएब रजा कारी रजी अहमदहाफिज शहनवाज रजवीहाफ़िज अब्दुल वाहिद नूरीआरिफ अंसारी उपस्थित थे।

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