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आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान ने कहा है कि कांवड़ यात्रा में जो लोग सच्ची आस्था के साथ निकलते है वह दंगाई नहीं हो सकते, लेकिन कांवड़ यात्रा के नाम पर मुजफ्फरनगर में ढाबों पर कपड़े उतार कर जो लोग धार्मिक पहचान कर रहे हैं वह उन आतंकियों की तरह है जो पहलगांव में आए औक धर्म पूछ कर निर्दोषों को मार दिया। फर्क इतना है कि पहलगाम में आए आतंकी विदेशी थे और पैंट उतार कर पहचान करने वाले देशी है। ऐसे लोगो पर भी आतंकवाद के तहत कार्यवाही होनी चाहिए।
सब्ज़ी और फल बेचने वालों से यात्रा कैसे अपवित्र हो सकती है
यह बात मौलाना तौकीर ने एक चैनल को बयान देते हुए कही है। उन्होंने कहा के सब्ज़ी और फल बेचने वालों से यात्रा कैसे अपवित्र हो सकती है, लेकिन फिर भी अगर शासन का आदेश है कि नेम प्लेट लगा कर पहचान जाहिर होनी चाहिए तो इस आदेश पर अमल किया जाना चाहिए। साथ ही मुसलमानों से अपील करते हुए कहा के हम मुसलमान है हमें अपनी पहचान जाहिर करनी चाहिए। हमारी पहचान दाढ़ी और टोपी है। सभी मुसलमान चाहे वह सरकारी ओहदे पर हो या फिर अपना कोई कारोबार कर रहे हों, अगर सभी दाढ़ी टोपी की पहचान को जाहिर करें तो इस तरह के आदेश खुद ब खुद बंद हो जाएंगे।
मौलाना ने यह भी कहा कि हिंदू भाई तिलक के साथ और मुसलमान दाढ़ी टोपी के साथ रहे। यह एक अच्छी बात है, जो लोग अपनी पहचान छुपाते हैं उस वजह से इस तरह की नौबत आती है। मौलाना कहा जब तक अपनी पहचान जाहिर नहीं करोगे ऐसे ही ज़लील किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा एक तरफ मुहर्रम चल रहे तो दूसरी तरफ कावड़ यात्रा। सभी को अपनी अपनी आस्था के अनुसार काम करने चाहिए। सरकार की तरफ से जब यह आदेश पारित किया जाता है कि कोई नई परंपरा नहीं पड़नी चाहिए इस का स्वागत है, लेकिन नई परंपरा को धार्मिक नजरिए से अमल में नहीं लाना चाहिए। इस नियम का सभी पर एक समान लागू किया जाना चाहिए। धर्म के आधार पर देश में बढ़ती जा रही नफरती हिंसा मुल्क के लिए अच्छी बात नहीं इस पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। यह फिक्र की बात है। आईएमसी मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने बताया के एक चैनल से बात करते हुए मौलाना यह बात कही थी।