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मनुष्य के अंदर कई गुना ऊर्जा बढ़ाता है ध्यान

ध्यान एक क्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। 'ध्यान' से अनेकों प्रकार की क्रियाओं का बोध होता है।

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Sanjay Shrivastav
Meditation
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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ध्यान एक क्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को चेतना की एक विशेष अवस्था में लाने का प्रयत्न करता है। 'ध्यान' से अनेकों प्रकार की क्रियाओं का बोध होता है। बीइंग स्पिरिचुअल फाउंडेशन ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर पिरामिड द्वारा अर्थ हीलिंग ध्यान सत्र का आयोजन किया, जिसमें कई लोगों ने सम्मिलित होकर पिरामिड अर्थ हीलिंग ध्यान द्वारा धरती मां के लिए प्रेम एवं ऊर्जा का समर्पण किया।

पृथ्वी का संरक्षण करना रोजाना का काम है

बीइंग स्पिरिचुअल फाउंडेशन के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जब ध्यान पिरामिड के अंदर या उसके नीचे किया जाता है तब ऊर्जा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने उपस्थित लोगों को पृथ्वी के प्रति जागरूकता, कृतज्ञता और संवेदना के भाव से ध्यान करने का मार्ग दर्शन दिया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी हमारी जननी है। उसका संरक्षण केवल एक दिन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह हमारा प्रतिदिन का कर्तव्य है। 

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पृथ्वी पर कई देशों ने फैला रखी है अराजकता

संस्था के मीडिया प्रभारी आशीष जौहरी ने बताया कि बीइंग स्पिरिचुअल फाउंडेशन निरंतर मानवता, प्रकृति और आत्मचेतना के उत्थान के लिए कार्यरत है। जिस प्रकार पृथ्वी पर कई देशों में अराजकता एवं द्वेष का माहौल है, उसके लिए संस्था द्वारा आध्यात्मिक गुरु डॉ धर्मेंद्र कुमार के सानिध्य में सभी ने पिरामिड ध्यान सत्र में हिस्सा लेकर पृथ्वी के संरक्षण, स्वास्थ्य और संतुलन के लिए सामूहिक प्रार्थना की। 

प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का संकल्प लिया

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अर्थ हीलिंग ध्यान सत्र के अंत में सभी सदस्यों ने संकल्प लिया कि वे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करेंगे, अधिक वृक्षारोपण करेंगे और पृथ्वी को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने में अपना योगदान देंगे। इस अवसर पर सुमन रानी, मीडिया प्रभारी आशीष जौहरी, डॉ शिवम यादव, त्रिलोकी नाथ, डीके श्रीवास्तव, सुरजीत सिंह, संजीव कुमार त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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