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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
मीरगंज थाना क्षेत्र के रहिया नगला निवासी एक व्यक्ति की लापरवाही के कारण खेतों में भयावह आग लग गई। गेहूं की कटाई के उपरांत खेत में शेष पराली को जलाने के प्रयास में लगाई गई मामूली आग ने तेज़ हवा के चलते विकराल रूप धारण कर लिया और देखते ही देखते यह आग हजारों बीघा भूमि में फैल गई। इस घटना में किसानों द्वारा वर्षों की मेहनत से लगाए गए हजारों पेड़ बुरी तरह झुलस गए, जिससे भारी नुकसान हुआ।
शीशामखेड़ा में फैलती आग को ग्रामीणों और फायर ब्रिगेड ने मिलकर रोका
अपने खेतों में आग लगने की सूचना मिलते ही आसपास के किसान तत्काल खेतों की ओर दौड़ पड़े और आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की टीम और स्थानीय पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई। इस बीच, आग शीघ्रता से फैलती हुई गांव शीशामखेड़ा की आबादी के समीप तक पहुंच गई थी। हालांकि, ग्रामीणों की तत्परता, सूझबूझ और फायर ब्रिगेड के समन्वित प्रयासों से आग पर समय रहते नियंत्रण पा लिया गया, जिससे एक बड़ी जनहानि और संपत्ति के नुकसान से बचाव हो सका।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, रहिया नगला निवासी गल्ले उर्फ बदरुद्दीन नामक व्यक्ति ने अपने खेत की पराली को नष्ट करने के उद्देश्य से उसमें माचिस से आग लगाई थी। हालांकि, तेज हवाओं के चलते यह आग अचानक बेकाबू हो गई और कुछ ही समय में आसपास के खेतों में फैलते हुए लगभग एक हजार बीघा क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। इस लापरवाहीपूर्ण कृत्य से न केवल फसलें, बल्कि सैकड़ों पेड़-पौधे भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।
इस घटना के संबंध में एक ग्रामीण ने स्थानीय थाना पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दोषी व्यक्ति के खिलाफ नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है। यह उल्लेखनीय है कि बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने पहले से ही पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। अब देखना यह है कि पुलिस इस गंभीर मामले में दोषी के विरुद्ध क्या कार्रवाई करती है।