Advertisment

Bareilly News: लोगों की नींद उड़ा रहे मच्छर, सीएमओ बोले...जिले में घट रहे मलेरिया के मरीज

बरेली में इन दिनों मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप है, जिसकी वजह से रात को लोग ठीक से सो नहीं पाते हैं। वहीं, सीएमओ का कहना है कि बरेली में मलेरिया के मरीज घट रहे हैं।

author-image
Sanjay Shrivastav
cmo

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

इन दिनों मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप है, जिसकी वजह से रात को लोग ठीक से सो नहीं पाते हैं। वहीं, सीएमओ का कहना है कि बरेली में मलेरिया के मरीज घट रहे हैं। आज शुक्रवार 25 अप्रैल को मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी लोगों को मालेरिया से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए खानापूरी की जा रही है। 

साल 2023 में मलेरिया के 3490 केस मिले थे, 2024 में 2817 केस सामने आये

बरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि मलेरिया प्लाजमोडियम परजीवी के कारण होने वाली जानलेवा बीमारी है, जो मनुष्यों में मादा एनाफीलिज मच्छर के काटने से होती है। जिले में मलेरिया और अन्य मच्छरजनित बीमारियों पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जनपद में साल 2023 के मुकाबले 2024 में मलेरिया के केसों में कमी आई है। बरेली में साल 2023 में मलेरिया के कुल 3490 केस सामने आये थे, जबकि साल 2024 में 2817 केस सामने आये थे।

Advertisment

पिछले चार साल में मलेरिया से नहीं हुई कोई मौत

पिछले चार सालों में मलेरिया की जांचों में वृद्धि हुई है। साल 2021 में लगभग दो लाख रक्त पट्टिकाएं बनी थीं, वहीं साल 2024 में इनकी संख्या बढ़कर चार लाख हो गई। जिले में पिछले चार सालों में मलेरिया से किसी की मौत नहीं हुई। एक से 16 अप्रैल तक मलेरिया की जांच के लिए 51,235 रक्त पट्टिकाएं बनी हैं। वर्तमान में जनपद में मलेरिया के कुल  27 मरीज हैं।

हर सीएचसी-पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्र पर होती है मलेरिया की जांच

Advertisment

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत रंजन ने बताया कि संचारी रोगों पर नियन्त्रण के लिए साल में तीन बार अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर माह में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है। बरेली जिले में मलेरिया रोगों की जांच एवं उपचार की समुचित व्यवस्था है। जनपद के 16 समुदायिक स्वस्थ्य केन्द्रों (सीएचसी), 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) 26 नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों और 34 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर मलेरिया की जांच के लिए क्लीनिक की स्थापना की गयी है।

ओपीडी में आने वाले हर बुखार के मरीज की होती है मलेरिया की जांच 

ओपीडी में आने वाले हर बुखार के मरीज की मलेरिया की जांच की जाती है। जनपद में तैनात 361 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को मलेरिया रैपिड डायग्नोस्टिक किट (आरडीटी) का प्रशिक्षण दिया गया है। सभी सीएचसी एवं पीएचसी पर फीवर डेस्क बनायी गयी है। जहां बुखार के मरीजों को जांच के लिए परामर्श दिया जा रहा है। मलेरिया रोगियों के लिए सीएचसी-पीएचसी में 5 से 10 बेड और जिला अस्पताल में 25 बेड आरक्षित किए गए हैं।

Advertisment

जिला मलेरिया अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि एंटी वेक्टर कार्यवाही के लिए वर्तमान में 110 लीटर टेमीफास, 20 किग्रा बीटीआई एवं 80 लीटर मैलाथियान उपलब्ध है। जनपद मुख्यालय पर 12 हैण्ड कम्प्रेशर, तीन फॉगिंग मशीन एवं 35 स्ट्रप पम्प उपलब्ध हैं। 

इस तरह करें मच्छरों से बचाव

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत रंजन ने बताया कि मलेरिया का मच्छर रुके हुए पानी में रहता है। इससे घर में कबाड़, गमले की प्लेटें, नारियल के खोल आदि और घर के आसपास में पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर का पानी हर हफ्ते बदलकर उसे अच्छे से साफ़ करें। शो वाले पौधे जैसे मनी प्लांट, फाउन्टेन आदि का पानी हर हफ्ते बदलते रहें। फुल बांह के कपड़े पहनें या मच्छर रोधी क्रीम लगायें। रात में सोते समय मच्छरदानी या मच्छर रोधी क्रीम या मच्छर रोधी अगरबत्ती  का उपयोग करें। घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाएं।

ये दिक्कतें हो तो समझो मलेरिया बुखार हो सकता है

सर्दी और कंपन के साथ बुखार आना, निश्चित समय के बाद बुखार उतर जाना। तेज सिर दर्द, बुखार उतरने के समय अधिक पसीना आना। थकान ,चक्कर आना, शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। उल्टी या मितली का होना। थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास लगना, हाथ-पैरों में ऐंठन होना। मलेरिया बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क करें या फिर स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। स्वयं इलाज न करें। इसकी जांच और इलाज निःशुल्क है।

Advertisment
Advertisment