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नगर निगम में हड़ताल समाप्त करने के लिए कर्मचारी नेताओं से वार्ता करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता दक्ष शर्मा पाराशर
वाईबीएन संवाददाता बरेली।
बरेली। नगर निगम में एबीवीपी कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों के बीच हुई धक्का-मुक्की और नगर आयुक्त की गाड़ी पर चढ़कर प्रदर्शन करने के बाद शुरू हुई सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल वरिष्ठ भाजपा नेता दक्ष शर्मा पाराशर और नगर आयुक्त के बीच वार्ता के बाद समाप्त हो गई। तीन दिन से ठप सफाई कार्य फिर से शुरू हो गया है। शहर की गलियों और बाजारों से कूड़ा उठना शुरू हो गया है। वरिष्ठ भाजपा नेता दक्ष शर्मा पाराशर ने नगर निगम की हड़ताल के संबंध में एक दिन पहले नगर निगम कर्मचारियों और नगर आयुक्त संजय मौर्य से बातचीत की थी। उसके बाद नगर आयुक्त संजीव कुमार मोर्य ने धरना स्थल पर पहुंचकर सफाई कर्मियों को समझाया और आश्वासन दिया कि विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी। हालांकि इस दौरान 12% वाले माननीय पूरी तरह से खामोश होकर तमाशबीन बने रहे। 6 नवंबर गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से स्मार्ट सिटी ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। शुक्रवार को एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ता कार्यक्रम के भुगतान और बिल की रसीद को लेकर नगर निगम में नगर आयुक्त संजीव कुमार मोर्य के पास पहुंचे थे। उन्होंने कार्यालय में हंगामा कर दिया था। इस दौरान निगम कर्मियों और विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक एबीवीपी कार्यकर्ताओ से ये हंगामा और नारेबाजी कराने के पीछे भी एक माननीय का ही हाथ माना जाता है। क्योंकि सारा झगड़ा नगर निगम के विकास कार्यों में कमीशन वसूलने का है। नगर निगम के अधिकांश टेंडरों में एक माननीय ने 12% एडवांस ले रखे हैं। जिन ठेकेदारों ने माननीय को एडवांस कमीशन दे रखा है। उनके पेमेंट की फाइलें रुकी पड़ी हैं। इसकी वजह यह है कि उन ठेकेदारों ने निर्धारित मानक से कम घटिया गुणवत्ता की सामग्री इस्तेमाल की है। माननीय चाहते हैं कि उनके खास ठेकेदारो की कोई फाइल, जो पेमेंट के लिए लंबित है, किसी टेबल पर न रुके। इसी को लेकर नगर निगम का धरना प्रदर्शन प्रायोजित कराया गया था। धरना प्रदर्शन की घटना के बाद सफाई कर्मचारी संघ ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया था। हड़ताल के चलते तीन दिनों तक नगर निगम की सभी सफाई सेवाएं ठप रहीं। शहर के हर मोहल्ले, बाजार और गलियों में कूड़े के ढेर लग गए। नगर निगम कार्यालय के बाहर कूड़ा वाहन, जेसीबी और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी रहीं। करीब 14 लाख की आबादी वाले शहर में संक्रमण और दुर्गंध का खतरा बढ़ गया था। दोपहर करीब एक बजे नगर आयुक्त संजीव मौर्य, वरिष्ठ भाजपा नेता दक्ष शर्मा पाराशर, उसके बाद उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के सदस्य उमेश कठेरिया और भाजपा नेता मनोज थपलियाल धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों से बातचीत कर उन्हें आश्वस्त किया कि हंगामा करने वाले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की जाएगी। आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की और तुरंत शहर की सफाई में जुट गए। हड़ताल खत्म होते ही नगर निगम के वाहनों ने शहर के विभिन्न वार्डों से कूड़ा उठाना शुरू कर दिया। नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने कहा"कर्मचारी हमारे परिवार का हिस्सा हैं। उनके साथ किसी भी तरह की अभद्रता या हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धरना स्थल पर संजीव मेहरोत्रा , जितेंद्र मिश्रा , उमेश कठेरिया , मिशन पाल सिंह , राजकुमार समदर्शी , राजेंद्र समदर्शी , राजेश कुमार सही कई कर्मचारी नेता मौजूद थे।
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