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नगर निगम : भाजपा पार्षदों को दीवाली पर मेयर ने दिया अटैची और लिफाफे का गिफ्ट...तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल

 एक ओर शहर के बद से बदतर हालात है तो वहीं दूसरी ओर मेयर उमेश गौतम ने भाजपा पार्षदों को दिवाली गिफ्ट में नोटों का लिफाफा और अटैची दिया है। इसकी पूरे शहर में चर्चा है

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Sudhakar Shukla
दिवाली गिफ्ट में पार्षद सतीश कातिब मम्मा को नोटों का लिफाफा और अटैची देते हुए मेयर उमेश गौतम

दिवाली गिफ्ट में पार्षद सतीश कातिब मम्मा को नोटों का लिफाफा और अटैची देते हुए मेयर उमेश गौतम

वाईबीएन संवाददाता बरेली।

शहर के हालात भले ही बद से बदतर हों लेकिन, नगर निगम के पार्षदों की दिवाली अच्छी हो गई। मेयर उमेश गौतम ने दिवाली पर भाजपा पार्षदों को नोटों से भरा लिफाफा और अटैची का महंगा गिफ्ट दिया है। साथ में दिवाली की परंपरा के अनुसार मिठाई का एक डिब्बा भी। इसकी पूरे शहर में चर्चा है। ये सब गिफ्ट केवल भाजपा पार्षदों के लिए था। सपा के पार्षदों को लिफाफा और अटैची नहीं मिल पाई। उनको केवल मिठाई के डिब्बे से ही संतोष करना पड़ा। हालांकि सपा पार्षदों को मिठाई का डिब्बा खुलेआम न देकर उनके घर भिजवाया गया। अटैची और लिफाफा न मिलने से सपा के पार्षदों में रोष देखा गया। वहीं दूसरी ओर निर्दलीय और अन्य दलों से जुड़े मुस्लिम पार्षदों को नोटों का लिफाफा और अटैची उनके घर चुपचाप पहुंचाया गया। अटैची और लिफाफा न मिलने से कांग्रेस और बसपा के पार्षदों में भी गुस्सा है।

स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर शहर के हालात लंबे समय से बद से बदतर हालत में है। अधिकांश सड़के खंडहर बनी हुई हैं। सिंगापुर की तरह बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर नगर निगम के अलावा केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाला ज्यादातर बजट कमीशन की भेंट चढ़ चुका है। मुख्य मार्गों से लेकर गली मोहल्ले और वार्डों में गलियों का बुरा हाल है। क्या पक्ष? क्या विपक्ष? सब चुप है। सबके चुप रहने की एक ही वजह है। वह है अटैची और लिफाफा। सोशल मीडिया पर दिवाली गिफ्ट की तस्वीर वायरल होने के बाद शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आम नागरिक और राजनीतिज्ञ आपस में एक दूसरे से दिवाली गिफ्ट को लेकर कानाफूसी करने में लगे हैं। पार्षदों के दीवाली गिफ्ट का 2027 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही कैंट क्षेत्र से चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। 

 अक्सर देखा जाता है कि नगर निगम के पार्षद अपने गली मोहल्ले की नाली, नाला, सड़क, कूड़ा उठाने जैसी छोटी समस्याओं के हल न होने पर खूब हो हल्ला मचाते हैं। मगर, बीते कई साल से पार्षद अपने वार्ड की गंभीर समस्याओं को भी सदन में नहीं उठाते। इसकी वजह आसानी से समझी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार इस बार दिवाली पर महापौर उमेश गौतम ने भाजपा के 40 से अधिक पार्षदो को नोटो से भरा लिफाफा और अटैची गिफ्ट में दी। मेयर से लिफाफा और अटैची पाकर छंगमल मौर्य, चित्रा मिश्रा, सतीश क़तीब मम्मा आदि पार्षद खुशी से फूले नहीं समाए। पार्षदों को मिलने वाले लिफाफे में कितने रुपए थे, ये तो पता नहीं चल पाया। मगर, एक लिफाफे में ये दस हजार से अधिक बताए जा रहे हैं। इस बात की चर्चा पूरे शहर में है कि पार्षदों को लिफाफा और अटैची इसलिए दिए गए हैं ताकि वह तमाम विवादित मुद्दों पर अपना मुंह बंद रखें। सूत्रों के अनुसार नगर निगम के प्रत्येक निर्माण कार्य में मोटा कमीशन वसूला जाता है। उसमें ठेकेदारों को टेंडर मिलने से पहले 12% से 15% एडवांस देना होता है। इसका नतीजा यह है कि नगर निगम की बनी ज्यादातर सड़क, नाली या नाला निर्माण छह महीने भी नहीं टिकतीं। भाजपा पार्षदों को दीवाली पर अटैची और लिफाफा भी इसलिए दिया गया है कि वह अपना मुंह न खोलें। नगर निगम के सारे काम इसी तरह से चलता रहे। फिलहाल, भाजपा पार्षदों को अटैची और लिफाफा देने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं इस मामले पर जब मेयर उमेश गौतम से बात करने की कोशिश की गई तो उनकी कॉल रिसीव नहीं हुई।

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