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कृषि और भूमि संरक्षण में 15 करोड के घोटालेबाजों को क्लीनचिट देने वाली नीरजा सिंह को मिला डिप्टी डायरेक्टर का अतिरिक्त प्रभार

कृषि और भूमि संरक्षण में 15 करोड़ से अधिक धनराशि का घपला करने वाले पूर्व बीएसए संजय सिंह समेत अन्य घपलेबाजों को क्लीनचिट देने वाली नीरजा सिंह को डीडी कृषि का अतिरिक्त चार्ज मिला है।

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Sudhakar Shukla
यही है वह डीडी कृषि कार्यालय, जिसमें नीरजा सिंह को मिला है अतिरिक्त चार्ज

यही है वह डीडी कृषि कार्यालय, जिसमें नीरजा सिंह को मिला है अतिरिक्त चार्ज

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

पहले से ही तमाम विवादों में घिरी डिप्टी डायरेक्टर भूमि संरक्षण नीरजा सिंह को डिप्टी डायरेक्टर कृषि का अतिरिक्त चार्ज मिल गया है। हालांकि जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी और डिप्टी डायरेक्टर पीपी अमरपाल भी डीडी कृषि के अतिरिक्त चार्ज के दावेदार थे। लेकिन लखनऊ कृषि निदेशालय ने विवादों में घिरी नीरजा सिंह को ही डीडी कृषि का अतिरिक्त चार्ज दिया। सूत्रों के अनुसार डीडी कृषि का अतिरिक्त चार्ज नीरजा सिंह को देने के पीछे का मकसद घपलेबाज पूर्व बीएसए संजय सिंह समेत घोटाले में घिरे बाकी बाबुओं को बचाने की अंतिम कोशिश है। 

पहले से ही है बिजनौर का भी अतिरिक्त चार्ज

डिप्टी डायरेक्टर भूमि संरक्षण नीरजा सिंह के पास लंबे समय से इसी विभाग में बिजनौर का भी अतिरिक्त चार्ज है। विभागीय सूत्रों की मानें तो वह रुद्रपुर उत्तराखंड में रहकर अपनी नौकरी चलाती हैं। वह अपने बरेली ऑफिस में नियमित न ड्यूटी करके बिजनौर में होने का बहाना बनाकर अक्सर रुद्रपुर निकल जाती हैं। हालांकि नियमानुसार किसी भी अधिकारी को अपना डिस्ट्रिक छोड़ने से पहले जिलाधिकारी या अन्य सक्षम अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य है। मगर, अभी तक इस नियम का पालन नहीं किया गया है। वहीं पूर्व डीडी कृषि अभिनंदन सिंह के निलंबित होने के बाद नीरजा सिंह को कृषि निदेशालय से डिप्टी डायरेक्टर कृषि का भी अतिरिक्त चार्ज मिल गया है। तो इसके पीछे कृषि निदेशालय से घोटालेबाजों की गहरी सांठगांठ दिखाई देती है। 

 घोटालेबाजों को अपनी जांच में क्लीनचिट दे चुकी हैं नीरजा सिंह 

मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर कृषि और भूमि संरक्षण में डब्ल्यूडीसी और किसान समृदिध् योजना के घोटाले की जांच एक साल पहले डिप्टी डायरेक्टर भूमि संरक्षण नीरजा सिंह ने ही की थी। उस जांच में नीरजा सिंह ने मौके पर जाए बिना ऐसे ही जांच निपटाकर तत्कालीन कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह समेत अन्य घपलेबाजों को पूरी तरह से क्लीनचिट दे दी थी।

उनको जांच में इतना बड़ा घोटाला नजर ही नहीं आया। उसके बाद जब इस मामले की टीएसी जांच हुई तो उसमें कच्चे काम सिर्फ कागजों में पाए गए जबकि पक्के कामों में निर्धारित मानक से कम और घटिया निर्माण सामग्री और दोयम दर्जे की पीला ईंट मिली। तब तत्कालीन कार्यवाहक बीएसए संजय सिंह टीएसी जांच टीम से खिसिया गए। तत्कालीन कार्यवाहक बीएसए ने जांच टीम को ही कटघरे में खड़ा करके पूरे रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए।

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उस जांच में ही 22 करोड़ के प्रोजेक्ट में 15 करोड़ से ज्यादा के फर्जी भुगतान करके घोटाला होने का मामला सामने आया। सूत्रों के अनुसार डिप्टी डायरेक्टर भूमि संरक्षण नीरजा सिंह को कृषि विभाग के डीडी का अतिरिक्त चार्ज मिलने से घोटाले की जांच पर असर पड़ना तय है। उनके डीडी कृषि पर अतिरिक्त चार्ज रहते किसी घोटाले की निष्पक्ष जांच संभव प्रतीत नहीं होती। क्योंकि उनकी पहले की जांच ही संदेह के घेरे में है। इसलिए, विभागीय स्तर पर नीरजा सिंह को डीडी कृषि का अतिरिक्त चार्ज मिलने का अंदरखाने का विरोध होने लगा है। 

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