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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
भारत के धनाढ्य युवाओं में नेपाल जाकर कसीनो खेलने का शौक आर्थिक रूप से उनका भविष्य चौपट करने लगा है। सीमावर्ती शहरों के युवक नेपाल जाकर कसीनो (जुआ) खेलते हैं। उसमें लाखों रुपए कभी हारते हैं तो कभी जीतते हैं। यह लत देश के युवाओं को बर्बाद कर रही है।
भारत की सीमा से सटे नेपाल के भैरहवां और आसपास के शहर और कस्बों में वहां की सरकार से लाइसेंस लेकर कसीनो खुले हैं। यह कसीनो भारतीय युवाओं के भविष्य के लिए खतरा बनने लगे हैं। सीमावर्ती इलाकों के इन कसीनो में भारत के युवाओं की आवाजाही लगातार बढ़ रही है। यह चिंता का विषय है। जुए और शराब के आकर्षण में फंसकर भारत के युवा न केवल अपना आर्थिक नुकसान करते हैं बल्कि बल्कि मानसिक और सामाजिक पतन का शिकार भी होते हैं।
नेपाल सीमा से लगे भारत के पीलीभीत, बहराइच, लखीमपुर खीरी और लखनऊ में रहने वाले युवा, पोखरा, लुंबिनी, भैरहवा, जनकपुर, भरतपुर और राजधानी काठमांडू में बड़ी संख्या में दर्जनों की कसीनो खुल गए हैं। इन सिगरेट, शराब, बियर, स्पा समेत विलासिता के तमाम साधन उपलब्ध हैं। कसीनो या स्पा सेंटरों में अक्सर नेपाल की लड़कियां ही मिलती हैं। वह भारतीय युवाओं को आसानी से अपने जाल में फंसा लेती हैं। फिर भारतीय युवा लाखों रुपए हारकर वापस लौट आते हैं। नेपाल के कसीनो में भारत की सीमा से सटे पीलीभीत में टनकपुर, बनवसा, बहराइच, नानपारा, महराजगंज में नौतनवा , सोनौली के युवा अलग-अलग नाम से बैंकों में खाता खोलकर कसीनो जाते हैं। तमाम शौकीन QR कोड से पैसा ट्रांसफर करके शौक पूरा करते हैं। कसीनो संचालक खुद भी भारतीयों से दूसरे नाम से अकाउंट खुलवाकर QR कोड जारी कराते हैं।
नेपाली कसीनो में पैसा ट्रांसफर करके मंगाने वाले भारतीय नागरिकों से कसीनो के कैश काउंटर पर पांच लाख तक की ‘सिक्योरिटी फीस’ जमा कराई जाती है। इतनी ही राशि अलग से जमा होती है। जुआरी का कसीनो मे मौजूद क्यूआर कोड पर पैसा ट्रांसफर होने के बाद, कसीनो में पहुंचते ही QR कोड स्कैन करके पैसे आने की पुष्टि की जाती है। कसीनो मैं मौजूद क्यूआर कोड जड़े हुए व्यक्ति द्वारा कसीनो काउंटर पर एक पर्ची दी जाती है, जिसे दिखाकर कैश प्राप्त किया जा सकता है। जो भारतीय नागरिक सिक्योरिटी राशि जमा करते हैं। उन्हें ट्रांसफर राशि पर 3% से 5% अतिरिक्त भुगतान कसीनो संचालक करते हैं। जो भारतीय नागरिक ₹30,000 से अधिक रकम जुए में हार जाते हैं। उन्हें वापस लौटते समय 10% ‘लूजर बोनस’ भी दिया जाता है, ताकि वे दोबारा लौटकर कसीनो आएं।
स्थानीय नागरिको में इस पूरे मामले को लेकर गहरी चिंता है। भारतीय सीमा पर डिजिटल लेनदेन ने इस समस्या को और जटिल बना दिया है। अभिभावकों ने सरकार से मांग की है कि सीमावर्ती इलाकों में कसीनो गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाई जाए। भारतीय युवाओं को जुए की लत से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।