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BJP Photograph: (Google)
बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भाजपा में यह अक्सर कहा जाता है कि यहां छोटा कार्यकर्ता भी बड़े पद तक पहुंच सकता है। बेशक,यह बात सही हो सकती है। लेकिन कई बार उसके कार्यकर्ताओं को इस पर विश्वास करना कठिन है। अब बरेली में ही भाजपा को देखिए। यहां अगर आप किसी बड़े पद पर विराजमान माननीय के खास नहीं हैं तो आप न संगठन में आगे बढ़ पाओगे। न ही सरकार में।
बरसों से मेहनत करने वाले अधिकांश जमीनी कार्यकर्ता अब भी दरी और टाट पट्टी ही बिछा रहे हैं।
नगर निगम में सत्तारुढ़ दल भाजपा से 10 पार्षद शासन से नामित किए जाने हैं। यह संखया घट-बढ़ भी सकती है। वैसे तो नियमानुसार उस कार्यकर्ता को ही नामित पार्षद बनाना बनता है, जो भाजपा के कैडर का हो। साथ ही उसने शहर की जनता की समस्याओं के लिए विपक्ष में रहते हुए लंबे समय तक संघर्ष किया हो। इतना ही नहीं, उसके वार्ड में अब भी विपक्षी दल का पार्षद हो। मगर, भाजपा में अब यह मानक पुराने हो चुके हैं। नगर निगम में खुद को शासन से पार्षद नामित कराने के दावेदार छुटभैये नेताओं ने यह पद पाने के लिए माननीयों की गणेश परिक्रमाकरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। अंदरुनी सूत्रों के अनुसार पार्टी में ऊपर भी माननीयों को अपना पार्षद नामित कराने के लिए बड़े नेताओं का कोटा तय कर दिया गया है। किसके कोटे से कितने पार्षद नामित हो सकते हैं। इसका गुणा-भाग लगा लिया गया है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक एक बड़े माननीय ने अपने कोटे से हरि ओम प्रकाश गौतम का नाम संगठन को दिया है। वहीं यूपी सरकार में दर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का पद प्राप्त नेताजी के अधिवक्ता भाई ने पूर्व मंडल अध्यक्ष गौरव सक्सेना समेत एक दो अन्य दावेदारों का नाम पार्षद नामित कराने के लिए सुझाया है। भाजपा ब्रज क्षेत्र के एक नेताजी ने अपने पुराने शिष्य राजीव गुप्ता का नाम आगे बढ़ा दिया है। यही स्थिति अन्य दावेदारों की है। दो से तीन नाम नगर निगम की राजनीति करने वाले बड़े नेताजी के हैं।
सर्वाधिक मारामारी कैंट विधानसभा से
कैंट से पार्षद नामित होने वाले दावेदार अपने इलाके के विधायक जी के दफ्तर के दिन-रात चक्कर लगा रहे हैं। सीबीगंज मंडल से ज्ञान प्रकाश लोधी का नाम भी नामित पार्षद के दावेदारों की सूची में है। उन पर भी एक माननीय की छत्रछाया है। साहूकारा से कई बार निर्दलीय पार्षद रहने के बाद बीते चुनाव में भाजपा में शामिल हो चुके डिश वाले पंडित जी का नाम भी नामित होने वाले पार्षद के दावेदारों में बताया जा रहा है। नगर निगम में जितने भी पार्षद नामित होने की दौड़ में शामिल हैं, उनमें कुछ जमीनी कार्यकर्ता भी हैं, लेकिन शासन से वही नामित हो पाएंगे, जो बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा करने या उनके खास बनने की दौड़ में आगे निकल जाएंगे। माननीय भी अपने चहेते छुटभैये नेताओं को पार्षद नामित करवाकर अपने आने वाले विधानसभा या नगर निगम चुनाव के समीकरण देख रहे हैं। बहरहाल, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में कोई भी पद पाने के लिए अब भाजपा में सिर्फ जमीनी कार्यकर्ता ही होना काफी नहीं है। इसके साथ बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा का गुण होना भी जरूरी है।