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पूर्वोत्तर रेलवे ने आठ स्थानों पर वॉटर रीसाइकलिंग प्लांट लगाए... जानिए क्यों

पूर्वोत्तर रेलवे जल संरक्षण एवं संचयन के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने 08 स्थानों पर ’वाटर रिसाइक्लिंग प्लान्ट’ लगाये हैं।

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Sudhakar Shukla
Railway़
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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पूर्वोत्तर रेलवे  जल संरक्षण एवं संचयन के लिए निरन्तर प्रयासरत है। इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने 08 स्थानों पर ’वाटर रिसाइक्लिंग प्लान्ट’ लगाये हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा कोचिंग डिपो में 250 के.एल.डी (किलोलीटर प्रति दिन), लखनऊ कोचिंग डिपो में 500 के.एल.डी, न्यू कोचिंग डिपो गोरखपुर में 500 के.एल.डी, ओल्ड कोचिंग डिपो गोरखपुर में 500 के.एल.डी, कासगंज कोचिंग डिपो में 500 के.एल.डी, रामनगर कोचिंग डिपो में 50 के.एल.डी, टनकपुर कोचिंग डिपो में 20 के.एल.डी, लालकुआं कोचिंग डिपो में 20 के.एल.डी क्षमता सहित कुल 2340 किलोलीटर प्रति दिन क्षमता के वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट लगाए है।

पानी को रिसाइकिल कर पुनः धुलाई के लिए उपयोग में लाया जाता है

वाटर रिसाइक्लिंग प्लांट के माध्यम सेजल को साफ करके उसे फिर से उपयोग में लाये जाने योग्य बनाया जाता है। कोचिंग डिपो में धुलाई के लिये उपयोग में लाये जाने वाले पानी को रिसाइकिल कर पुनः धुलाई के लिए उपयोग में लाया जाता है, जिससे पानी की बचत होती है। जल संरक्षण की दिशा में पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा यह उल्लेखनीय कदम उठाया गया है। इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुये इसका आगे भी विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में लखनऊ मंडल के लखनऊ जं0 एवं गोरखपुर जं0 स्टेशनों पर ’वाटर रिसाइक्लिंग प्लान्ट’ लगाये जाने का कार्य प्रगति पर है।

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