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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली विकास प्राधिकरण की बुलडोजर कार्रवाई लगातार चल रही है। अब प्राधिकरण ने बदायूं रोड पर 32 बीघा की अवैध कॉलोनी को बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दिया। प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने ग्राम करगैना बदायूॅ रोड एवं लाल फाटक रोड थाना कैन्ट में चार अवैध कालोनियों के विरूद्व ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की। प्रॉपर्टी कारोबारी सतेन्द्र कुमार द्वारा ग्राम करगैना बदायूॅ रोड, बरेली पर लगभग 10 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के सड़क, नाली, बाउन्ड्रीवाल निर्माण, भूखण्डों का चिन्हांकन करते हुए अवैध कालोनी का निर्माण और विकास कार्य कराया जा रहा था। वहीं
गौरी शंकर, जहीर हुसैन आशीष बंसल द्वारा बदायूॅ रोड पर 04 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के सड़क, बाउन्ड्रीवाल, भूखण्डों का चिन्हांकन आदि कर रहे थे। यहां भी बिना मानचित्र स्वीकृत कराए निर्माण और विकास कार्य चल रहा था। डा0 उमेश प्रजापति द महेशपुरा ठाकुरान में लगभग 08 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के सड़क, बाउन्ड्रीवाल, भूखण्डों का चिन्हांकन का कार्य करते हुए अवैध कालोनी का निर्माण/विकास कार्य कर रहे थे।
इनके अलावा प्रॉपर्टी कारोबारी नत्थू लाल ग्राम चौबारी लाल फाटक पर जुए की पुलिया के पास लगभग 10 बीघा क्षेत्रफल में बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के सड़क, बाउन्ड्रीवाल, भूखण्डों का चिन्हांकन आदि का कार्य करते हुए अवैध कालोनी का निर्माण/विकास कार्य में जुटे थे।
इन अवैध कालोनियो के विरूद्ध उ0प्र0 नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 की सुंसगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए प्राधिकरण के अवर अभियन्तागण अजीत साहनी, सीताराम, सहायक अभियन्ता, रमन कुमार अग्रवाल एवं प्रवर्तन टीम की तरफ से कॉलोनियों के विरूद्व ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी।
बरेली विकास प्राधिकरण की तरफ से जारी सूचना में कहा गया कि किसी भी व्यक्ति को प्लाटिंग या निर्माण करने से पूर्व प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये प्लाटिंग करना या भवन निर्माण करना पूरी तरह से अवैध है। बिना मानचित्र स्वीकृत हुए विकास और निर्माण का ध्वस्तीकरण प्राधिकरण द्वारा किया जा सकता है। भवन/भूखण्ड के क्रेताओं को सलाह है कि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए भवन/भूखण्ड क्रय करने से पूर्व उसकी मानचित्र स्वीकृति सम्बन्धी जानकारी प्राधिकरण से अवश्य प्राप्त कर लें। मानचित्र स्वीकृत न होने की स्थिति में खरीदारी से बचें। अन्यथा की दशा में प्राधिकरण द्वारा उ0प्र0 नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जायेगी, जिसका समस्त उत्तरदायित्व निर्माणकर्ताओं का स्वयं का होगा।