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बरेली-दिल्ली के बीच चलने वाली 14315-16 इंटरसिटी एक्सप्रेस में अब सी-1 एसी कोच लगा दिया गया है। भीषण गर्मी के बीच इस ट्रेन को सी-1 एसी कोच के स्थान पर नॉन एसी स्लीपर कोच के साथ चलाना पड़ रहा था। यात्री एसी का किराया देकर नॉन एसी में यात्रा कर रहे थे। इसको लेकर कई बार हंगामा भी हुआ।
बरेली-दिल्ली और बरेली-लखनऊ के बीच ट्रेनों पर यात्रियों का दबाव सबसे ज्यादा रहता है। अन्य ट्रेनों के फुल होने के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस में अमूमन कन्फर्म टिकट मिल जाता है। तड़के 4:55 बजे बरेली से चलकर सुबह 10:20 बजे दिल्ली पहुंचने वाली यह ट्रेन बरेली-दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों की पसंदीदा ट्रेन है। 15 मई को पहली बार सी-1 कोच के एसी ने काम बंद कर दिया था। इसके बाद दूसरा कोच उपलब्ध न होने के कारण सी-1 एसी के स्थान पर नॉन एसी स्लीपर कोच के साथ ट्रेन को चलाया गया।
यात्रियों ने किराया एसी का दिया और यात्रा नॉन एसी में की। इसके बाद बार-बार ऐसा होता रहा। गौर करने की बात यह है कि एसी कोच न होने के बाद भी रेलवे एसी के टिकट बुक करता रहा। इससे बार-बार हंगामा होता रहा। शनिवार को स्लीपर के स्थान पर ट्रेन में एसी कोच लगा दिया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के छह रेलखंडों पर ट्रेनें अब 110 किमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से फर्राटा भरेंगी। इन मार्गों पर अब तक ट्रेनों की औसत गति 70-80 किमी प्रति घंटा थी। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के तहत 1100 किलोमीटर रेल पटरियां और 85 बड़े स्टेशन आते हैं। इज्जतनगर मंडल की ट्रेनों का गोरखपुर, कोलकाता, मुंबई, सिंगरौली, शक्तिनगर, मथुरा, आगरा, देहरादून, कानपुर, कासगंज, फर्रुखाबाद, दौराई, राजकोट, टनकपुर, काठगोदाम, लालकुआं, हल्द्वानी आदि स्टेशनों तक संचालन होता है। जिन मार्गों पर गति बढ़ाई गई है उनमें पीलीभीत-मझोला, भोजीपुरा-पीलीभीत, टनकपुर-मझोला, बरेली सिटी-लालकुआं, बरेली सिटी-कासगंज और पीलीभीत-शाहजहांपुर रेलखंड शामिल हैं। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि इन रेलखंडों में गति बढ़ाए जाने के बाद अन्य रेलखंडों में भी ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा। सुरक्षा और संरक्षा के लिहाज से कई अन्य काम भी किए जा रहे हैं। आने वाले समय में अन्य रेलखंडों में भी ट्रेनों की गति में इजाफा किया जाएगा।