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5 जून को अराफ़ात के मैदान में हज का फर्ज़ होगा अदा

इस्लामी कैलेंडर के बारहवें महीने, ज़िल हिज्जा, के दौरान अदा होने वाले हज के फर्ज़ को लेकर बरेली में तैयारियां जोरों पर हैं। बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी ख़ाँ वारसी ने जानकारी देते हुए बताया

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Sudhakar Shukla
plains of Arafat
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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इस्लामी कैलेंडर के बारहवें महीने, ज़िल हिज्जा, के दौरान अदा होने वाले हज के फर्ज़ को लेकर बरेली में तैयारियां जोरों पर हैं। बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी ख़ाँ वारसी ने जानकारी देते हुए बताया कि हज, ज़िल हिज्जा की 8 तारीख को शुरू होकर 13 तारीख तक चलेगा।

इस वर्ष, सऊदी अरब में 27 मई, मंगलवार की रात को ज़िल हिज्जा का चांद देखा गया है, जिसके अनुसार 28 मई, 2025 से ज़िल हिज्जा का महीना प्रारंभ हो गया है। इसका अर्थ है कि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 5 जून 2025 को अराफ़ात के मैदान में हज का फर्ज़ अदा होगा। सऊदी अरब में ईद उल-अजहा (बकरीद) ज़िल-हिज्जा महीने के 10वें दिन यानी 6 जून को मनाई जाएगी। हालांकि, भारत में ईद उल अज़हा (बकरीद) 7 जून को मनाई जाएगी।

बरेली मंडल से आज़मीनों का आंकड़ा

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पम्मी ख़ाँ वारसी ने बताया कि इस बार बरेली मंडल से कुल 787 आज़मीन हज का फर्ज़ अदा करेंगे। इनमें बरेली से 519, बदायूं से 97, शाहजहांपुर से 102 और पीलीभीत से 69 लोग शामिल हैं।

देश की खुशहाली के लिए विशेष दुआ की अपील

वारसी ने आज़मीनों से अपील करते हुए कहा कि हज के दौरान माँगी गई दुआएं अल्लाह कुबूल फरमाता है। उन्होंने आज़मीनों से विशेष रूप से यह इल्तिजा की है कि वे अपनी दुआओं में ख़ास तौर से भारत देश और आवाम की खुशहाली, तरक़्क़ी, सलामती, हिफ़ाज़त, क़ामयाबी, बीमारों को शिफ़ा (स्वास्थ्य लाभ), बेरोजगारों को रोज़गार और आतंकवाद के खात्मे के लिए मक्का-मदीना शरीफ़ के साथ ही अराफ़ात के मैदान पर दुआ करें।

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यह हज यात्रा मुस्लिम समुदाय के लिए एक पवित्र और महत्वपूर्ण आध्यात्मिक यात्रा है, जो उन्हें अल्लाह के करीब लाती है और विश्व शांति व भाईचारे का संदेश देती है।

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