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कुतुबखाना पुल पर चाइनीज माझा से गर्दन कटते बची, अंगुली की नस काटी

चाइनीस माझा बरेली के बाशिंदों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। चाइनीज माझे से प्रतिदिन किसी न किसी की गर्दन कटती है या फिर अंगुली या हाथ कटता है।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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चाइनीस माझा बरेली के बाशिंदों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। चाइनीज माझे से प्रतिदिन किसी न किसी की गर्दन कटती है या फिर अंगुली या हाथ कटता है। फिर भी प्रशासन चाइनीज माझे के न बनने पर प्रतिबंध लगा पा रहा है, न ही चाइनीज माझे से पतंग उड़ानें वालों पर अंकुश लगाने में समर्थ है। प्रशासन की इस लापरवाही से शहर के आम नागरिक चाइनीस मंजे का शिकार हो रहे हैं। 

बृहस्पतिवार को शाम 5 बजे कर्मचारी नगर की ब्रजवासी कॉलोनी निवासी कृषि विभाग के तकनीकी अधिकारी मयंक यादव स्कूटी से अपने किसी जरूरी काम से कुतुबखाना पुल से गुजर रहे थे। तभी अचानक चाइनीज माझा उनकी गर्दन में अचानक आकर फंस गया। इससे पहले वह कुछ समझ पाते, उनकी गर्दन चाइनीज माझे में फंसने लगी। मयंक यादव ने तुरंत अपने हाथों को गर्दन में लगाकर माझे को किसी तरह से रोका। उनके इस तरह से माझे को गार्डन में फंसने से रोकने समय हाथों की उंगली कट गई। राहगीरों ने उनको जमीन से स्कूटी सहित उठाया और अस्पताल पहुंचाया। एक निजी अस्पताल में उनकी उंगली में तीन से चार टांके लगे।

चाइनीस माझे को बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए

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मयंक यादव ने बताया कि जिस तरह से चीनी माझा उनकी गर्दन में आकर अचानक फंसा, अगर वह उसमें अपनी उंगलियां नहीं लगाते तो इस मांझे से उनकी गर्दन कट सकती थी। प्रशासन को फौरन चाइनीस माझे को बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा इस चीनी मांझे के फंसने से किसी की भी जान जा सकती है। कुतुबखाना पुल, श्यामगंज पुल और किला पुल से अक्सर चाइनीस माझे से आवारातत्व पतंगे उड़ाते हैं। यह चाइनीस माझा शीशे को बुझाकर  धारदार बनाया जाता है। शीशा बुझाकर बनाने से माझे की धार ब्लेड से भी ज्यादा तेज हो जाती है।

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