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बरेली,बाईवीएनसंवाददाता
चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन भक्तों ने मां दुर्गा के नौ रूपों में प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। शहर के देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर हवन-यज्ञ किया और माता के दर्शन कर चरणों में प्रणाम निवेदित किया।
नवरात्रि का महत्व और ज्योतिषीय योग
चैत्र नवरात्रि का व्रत रखने की परंपरा सनातन धर्म में सदियों पुरानी है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा अपने नौ स्वरूपों के साथ भक्तों के कल्याण के लिए पृथ्वी पर आती हैं। इस दौरान श्रद्धालु पूरे नौ दिनों तक माता की पूजा-अर्चना करते हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ. हरिओम मिश्रा के अनुसार, इस वर्ष नवरात्रि के पहले दिन पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें बुध-आदित्य योग और मालव्य राजयोग भी शामिल हैं। इस नवरात्रि में चार दिन तक रवि योग और तीन दिन तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा, जो भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है।
इस बार माता हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आ रही हैं। ज्योतिष के अनुसार, हाथी पर माता का आगमन सुख, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि इस बार की नवरात्रि में माता अपने भक्तों को धन, वैभव, यश और संपदा का आशीर्वाद देंगी।
मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब
नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं ने बधाई रोड स्थित 84 घंटा मंदिर, अलखनाथ के सामने नवदुर्गा मंदिर, कालीबाड़ी मंदिर समेत शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में पहुंचकर माता की आराधना की। हवन-यज्ञ कर माता से परिवार और समाज के कल्याण की कामना की।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह: 7:51 से दोपहर 12:20 तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:02 से 12:50 बजे तक
नवरात्रि का यह पावन पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, जिसमें भक्तगण माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धापूर्वक उपवास और पूजन कर रहे हैं।