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बरेली में पैक हाउस का होगा निर्माण, कृषकों से लिए गए सुझाव

मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में बरेली में पैक हाउस बनाने के सन्दर्भ में बैठक कमिश्नरी सभागार में हुई। बैठक में बताया गया कि बरेली में पैक हाउस बनने से जिले, आस-पास का क्षेत्र व उत्तराखंड के भी कृषकों/एफपीओ व निर्यातकों को लाभ होगा।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल की अध्यक्षता में बरेली में पैक हाउस बनाने के सन्दर्भ में बैठक कमिश्नरी सभागार में हुई। बैठक में बताया गया कि बरेली में पैक हाउस बनने से जिले, आस-पास का क्षेत्र व उत्तराखंड के भी कृषकों/एफपीओ व निर्यातकों को लाभ होगा।
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बैठक में मण्डल स्तरीय विपणन अधिकारी व मण्डी सचिव द्वारा बताया गया कि तहसील नवाबगंज मण्डी में पैक हाउस बनाए जाने हेतु पर्याप्त स्थान है, जिस पर मण्डलायुक्त द्वारा कृषकों और निर्यातकों से उनके विचार व किस प्रकार की सुविधाएं उन्हें चाहिए इस संबंध में चर्चा की गयी। 
बैठक में एपीडा से डॉ सीबी सिंह ने आनलाइन बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए पैक हाउस को बरेली के लिए बहुत उपयोगी बताया। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य पार्ट मण्डी परिषद से होगा, पैक हाउस स्थापित करने को लेकर पर्याप्त जानकारी मण्डी परिषद के पास हैं। मण्डलायुक्त ने पूछा कि पैक हाउस में आमतौर से सार्टिंग/ग्रेडिंग व पैकेजिंग की सुविधा पर उपलब्ध होती है। इसके अतिरिक्त भी कोई सुविधा यदि निर्यातकों को चाहिए तो वह अपने विचार रख सकते हैं। उसे भी सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा, जिस पर कृषकों, एफपीओ संचालकों द्वारा कोल्ड रुम, वांशिग लाइन, स्कोप ऑफ एक्सपेंशन की सुविधा भी उपलब्ध कराए जाने के सुझाव दिए। साथ ही फ्रोजन सिस्टम को भी जोड़ने का सुझाव दिया गया क्योंकि ताजा फल/सब्जी आदि सिजनल होते हैं और बहुत शीघ्र खराब हो जाते हैं।
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 फ्रोजन सिस्टम पैक हाउस के निकट ही प्राइवेट स्तर से भी आरम्भ कराया जा सकता है

 बैठक में सुझाव दिए गए कि पैक हाउस का निर्माण हेतु शहर से बाहर और हाइवे के निकट स्थान चिन्हित किया जाए, जिससे बड़े ट्रक व कंटेनर आ-जा सकें और वे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और नोएंट्री की समस्या में न फंसे। फ्रोजन सिस्टम पैक हाउस के निकट ही प्राइवेट स्तर से भी आरम्भ कराया जा सकता है। 
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बैठक में निर्देश दिए गए कि व्यापारियों को निर्यात हेतु उत्पादों की क्वालिटी मेंटेन करने हेतु कृषकों/एफपीओ आदि को प्रशिक्षण भी दिया जाए, जिससे जो क्वालिटी निर्यात हो सकती है उसका उत्पादन किया जा सके। आईक्यूएफ की स्थापना हेतु पूर्व अनुभवी लोगों से सुझाव लिए जाएं। आमतौर पर कृषकों निर्यातक को अपने उत्पाद बेच देते हैं। कृषकों को भी प्रोत्साहित किया जाए कि वे स्वयं निर्यात करें। उ0प्र0 निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड भी बन गया है जो निर्यात में सहयोग करता है।
बैठक में मण्डलायुक्त द्वारा निर्देश दिए गए कि आलू का पैक हाउस बनाने हेतु  वाशिंग लाइन का होना महत्वपूर्ण है। अतः निर्यात की दृष्टि से आलू, मिर्च, शिमला मिर्च की मण्डल स्तरीय समिति बनायी जाए व व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया जाए, जिससे कृषक, एफपीओ व सम्बंधित अधिकारी आपस में सहजता से समन्वय स्थापित करते हुए इस कार्य को गति दे सकें।
बैठक में निर्देश दिए गए कि प्रगति शील किसानों से बात करें और उन्हें अपने साथ जोड़े। 15 मई तक पुनः बैठक होगी। इस बैठक के क्रम में एपीडा को पत्र लिखा जाए कि उक्त उत्पादों के क्रम में मंडल के जिला उद्यान अधिकारी को प्रशिक्षण प्रदान करें। प्राइवेट रूप से फ्रोजन यूनिट कौन संचालित करने का इच्छुक है इसके संबंध में डीएचओ को संबंधित लोगों से बात करने के निर्देश दिए गए। 
बैठक में संयुक्त कृषि निदेशक, उप निदेशक उद्यान, मण्डल के समस्त जनपदों के जिला उद्यान अधिकारी/मण्डी सचिव, प्रगतिशील कृषक, एफपीओ संचालक, निर्यातक सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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