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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
दर्द एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यह किसी को भी, कभी भी और कैसा भी हो सकता है। इस सार्वभौमिक अनुभव को रोकना आज चिकित्सा जगत के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। हालांकि, आशा की बात यह है कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान दर्द को कम करने और इसके प्रभाव को न्यूनतम करने में सक्षम है, और यह चिकित्सकों के कौशल पर निर्भर करता है। यह विचार रविवार को एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आयोजित "पेन अपडेट सीएमई और वर्कशॉप" में विशेषज्ञों ने व्यक्त किए।
एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया और पेन मेडिसिन विभाग ने इंडियन सोसायटी ऑफ पेन क्लीनिशियन के सहयोग से इस महत्वपूर्ण पेन अपडेट सीएमई और वर्कशॉप का आयोजन किया। संस्थान के चेयरमैन देव मूर्ति जी ने उद्घाटन सत्र में दर्द की व्यापकता और इसके प्रबंधन की आवश्यकता पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चोट, कट, हड्डी टूटना या ऑपरेशन, सभी दर्द के विभिन्न रूप हैं। प्रत्येक दर्द की अपनी प्रकृति, अर्थ और तीव्रता होती है। ऐसे में, एक चिकित्सक का नैतिक कर्तव्य है कि वह दर्द को रोके और उसके प्रभाव को कम से कम करे। इसके लिए नवीनतम तकनीकों और अनुसंधान की जानकारी है। इसी उद्देश्य से पेन अपडेट का आयोजन किया गया है, जिसमें कैंसर जैसे जटिल दर्द सहित सभी प्रकार के असहनीय दर्द के निदान पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन चिकित्सकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और अंततः मरीजों को राहत मिलेगी।
उद्घाटन समारोह में पेन अपडेट 2025 की आयोजन अध्यक्ष डॉ. गीता कार्की ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और पेन मैनेजमेंट की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि कैंसर जैसे असाध्य दर्द को भी आधुनिक शोध और प्रोटोकॉल की गहन जानकारी के माध्यम से काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए पेन अपडेट 2025 का आयोजन किया गया। आयोजन सचिव डॉ. वैभव भंडारी ने उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। उद्घाटन सत्र का कुशल संचालन डॉ. शुभ्रा ने किया।
इससे पूर्व, सुबह 8:30 बजे शुरू हुई इस सीएमई में एम्स रायबरेली के डॉ. विजय अदाबाला ने कैंसर के दर्द के उपचार के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. वैभव भंडारी ने पेन फिजिशियन के लिए फ्लोरोस्कोपी के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधानों पर जानकारी साझा की। एम्स ऋषिकेश के प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार ने कैंसर के असहनीय दर्द को कम करने की आधुनिक तकनीकों पर अपना व्याख्यान दिया। एम्स गोरखपुर के डॉ. रवि शंकर शर्मा, डॉ. ज्योति पठानिया, डॉ. ए.के. सिन्हा, डॉ. निहारिका अरोड़ा और डॉ. आदित्य पाल महेश्वर ने भी कैंसर सहित विभिन्न प्रकार के दर्द पर अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के निदेशक आदित्य मूर्ति, एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. बिंदु गर्ग, आयोजन सह-अध्यक्ष डॉ. जूही सरन और डॉ. के.सी. शर्मा, वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. धीरज सक्सेना और डॉ. विश्वजीत सिंह, संयुक्त आयोजन सचिव डॉ. एस.के. लोहानी, वर्कशॉप कोऑर्डिनेटर डॉ. अशिता मोवार और डॉ. अखिलेश पहाड़े के साथ ही रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज, राजश्री मेडिकल कॉलेज, टीएमयू और वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज के पेन फिजिशियन, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।