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पंचायत चुनाव : सपा का गांव ठीक से बस नहीं पाया, लुटेरों ने पहले ही घेर लिया

पंचायत चुनाव से पहले सपा में जिला पंचायत सदस्य के टिकट पर एक सोशल मीडिया पोस्ट ने भूचाल ला दिया है। हाल यह कि अभी गांव ठीक से बस नहीं पाया, लुटेरों ने पहले ही घेर लिया

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Sudhakar Shukla
समाजवादी पार्टी

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वाईबीएन संवाददाता बरेली।

पंचायत चुनाव अभी दूर हैं। इनकी तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है। मगर, समाजवादी पार्टी में पंचायत चुनाव के टिकट को लेकर अभी से घमासान मचने लगा है। सपा के ग्रुप पर जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप की आईडी से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल के हवाले से एक पोस्ट डाली गई। उस पोस्ट में प्रदेश अध्यक्ष के फोटो सहित लिखा है कि पंचायत चुनावों में सपा अपने समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। जिलाध्यक्ष करेंगे प्रत्याशी का चयन। सपा जिलाध्यक्ष की आईडी से पार्टी के सोशल मीडिया ग्रुप पर यह पोस्ट पड़ते ही पार्टी के अंदर विवाद छिड़ गया। तमाम पदाधिकारियों ने प्रदेश कार्यालय मेंं फोन करके इस तरह की पोस्ट पर आपत्ति जताई। अब तक सपा में जिला पंचायत के टिकट तय करने के लिए चुनाव संचालन समिति बनने की परंपरा रही है। उस समिति में जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष, विधायक, पूर्व विधायक, सांसद, पूर्व सांसद समेत ज्यादातर वरिष्ठ नेता शामिल रहते थे। मगर, इस बार जिलाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पोस्ट सपा के ग्रुप पर डालकर अकेले ही पंचायत चुनाव के प्रत्याशी तय करने का ऐलान कर दिया। हालांकि बाद में वह पोस्ट ग्रुप से डिलीट कर दिया गया। मगर, पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं ने उसके स्क्रीन शॉट लेकर रख लिए हैं। अब इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट सहित पूरी पोस्ट का लेखा-जोखा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिलकर सौंपा जाएगा।  

चुनाव चाहे नगर निकायों के हों या फिर ग्राम पंचायत के। राजनीतिक दलों में अपने चहेते प्रत्याशियों को टिकट देने की परंपरा तो दशकों पुरानी है। मगर, इधर, कुछ बरसों से प्रत्येक राजनीतिक दलों के प्रभावशाली नेता प्रत्याशियों के टिकट तय करने के नाम पर दावेदारों से मोटी धन उगाही करते आए हैं। बीते निकाय चुनाव में बरेली नगर निगम और फरीदपुर नगरपालिका और नगर पंचायत के कुछ दावेदारों ने स्थानीय टिकट के लिए रुपए लेने के आरोप स्थानीय नेताओं पर लगाए थे। हालांकि, बाद में यह मामला दब गया। उसी प्रकरण को देखते हुए सपा कैडर से जुड़े नेताओं को आशंका है कि इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट डालकर बसपा से सपा में आए संगठन के नेता पंचायत चुनाव में टिकट देने का लालच देकर उनसे धन उगाही करने की रणनीति बना चुके हैं। एक सपा नेता ने तो नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर यहां तक कह दिया कि अगर उनको पंचायत चुनाव में सपा के टिकट बांटने का काम मिल गया तो वह पूरा क्षेत्र लूटकर रख देंगे। अन्यथा इस पोस्ट को ग्रुप में डालने की कोई जरुरत नहीं थी क्योंकि सपा के प्रत्येक वार्ड के टिकट कोई एक व्यक्ति नहीं तय कर सकता। उसके लिए हमेशा चुनाव संचालन समिति बनती है। उसमें सबकी सहमित होने के बाद भी अंतिम सूची बनाकर नेतृत्व को भेजी जाती है।

सपा के प्रदेश अध्यक्ष के फोटो लगी सोशल मीडिया पोस्ट, जो पार्टी के ग्रुप पर डाली गई, बाद में डिलीट हो गई
सपा के प्रदेश अध्यक्ष के फोटो लगी सोशल मीडिया पोस्ट, जो पार्टी के ग्रुप पर डाली गई, बाद में डिलीट हो गई

सपा ने सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ाने की कर दी है घोषणा

जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में सपा ने अपने सिंबल पर किसी प्रत्याशी को नहीं लड़ाने की घोषणा पहले ही कर रखी है। न ही पार्टी जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों की कोई सूची जारी करेगी। अपने बल पर जो चुनाव जीतकर आएगा, वही पार्टी का जिला पंचायत सदस्य कहलाएगा। फिर जिलाध्यक्ष को पंचायत टिकट अकेले तय करने का अधिकार कैसे मिल जाएगा। एक अन्य सपा नेता के अनुसार पहले भी सपा में तमाम जिलाध्यक्षों ने क्षेत्र पंचायत और नगर निकाय चुनाव कराए हैं। जिला स्तर पर हमेशा चुनाव संचालन समिति प्रत्याशियों के टिकट तय करती है। विधानसभा या लोकसभा के टिकट राष्ट्रीय नेतृत्व तय करता है। मगर, बरेली में तो सपा की कहानी इस बार पूरी तरह से उल्टी है। वरिष्ठ पार्टी नेता के अनुसार पंचायत चुनाव में वार्डों से जिपं सदस्य पदों पर टिकट के अधिकार संगठन के एक नेता तक सीमित रखने का मतलब धन उगाही को बढ़ावा देने जैसा है। गांव अभी बसा नहीं, लुटेरों ने पहले ही घेर लिया। सूत्रों के अनुसार सपा के कुछ स्थानीय नेता इस मसले पर राष्ट्रीय नेतृत्व से मिलकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग करने के लिए जल्द ही लखनऊ जाने वाले हैं। हालांकि इस मसले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल से उनके मोबाइल नंबर पर बात करने की कोशिश की गई तो उनकी कॉल रिसीव नहीं हो सकी।     

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वर्जन

सपा के प्रदेश अध्यक्ष जी की पोस्ट उनकी आईडी से ही पड़ी है। उसमें कहा गया है कि पंचायत चुनाव में टिकट जिलाध्यक्ष ही फाइनल करेंगे। हमारी पार्टी के सीनियर नेता शिवपाल सिंह जी ने भी अपने वीडियो संदेश में यही कहा है कि पंचायत चुनाव के टिकट में अंतिम निर्णय जिलाध्यक्ष का होगा। इस निर्णय पर सवाल वही लोग उठा रहे हैं जिन्होंने पिछली बार जिपं सदस्य के टिकट फाइनल किए थे। उसके बाद क्या हुआ। जीतकर आए हमारे तमाम सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में मोटी रकम लेकर भाजपा के हाथों बिक गए थे। हमारा उद्देश्य पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है। हम उसी उद्देश्य में लगे हैं। मगर, यह नेता हमको बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।  

शिवचरन कश्यप, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी बरेली 

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