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योगी सरकार में पापा कैबिनेट मंत्री हैं हमारे... जल शक्ति मंत्री के सुपुत्र का भी प्रोटोकॉल

वैसे तो सरकार में विधायक या मंत्रियों को हो प्रोटोकॉल मिलने का नियम है। लेकिन, योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह के सुपुत्र ने भी प्रोटोकॉल जारी करा लिया।

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Sudhakar Shukla
यूपी सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के सुपुत्र के प्रोटोकॉल का आदेश

यूपी सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के सुपुत्र के प्रोटोकॉल का आदेश

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वाईबीएन न्यूज नेटवर्क बरेली। 

पापा विधायक हैं हमारे। ये फिल्म तो आपने देखी होगी। चलिए, नहीं देखी है तो हम उसका सार संक्षेप में बता देते हैं। उस फिल्म में एक विधायक जी के पुत्र होते हैं। सरकार की तरफ से जितना प्रोटोकॉल विधायक को मिलता है। उतना ही प्रोटोकॉल उनका निजी सचिव विधायक के पुत्र के लिए भी जारी कर देता है। फिल्म की कहानी तो लंबी है। लेकिन योगी सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निजी सचिव ने उनके सुपुत्र अभिषेक सिंह को तिरंगा यात्रा में शामिल कराने के लिए उरई जालौन के डीएम और एसएसपी को पूरा प्रोटोकॉल उपलब्ध कराने के लिए लखनऊ से पत्र जारी कर दिया। ये मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। 

वैसे तो भाजपा के तमाम बड़े नेता दूसरे राजनीतिक दलों को नैतिकता, आदर्श, ईमानदारी के उच्च मानदंड का पाठ सीखने का ज्ञान देते नहीं थकते। लेकिन, वह खुद इसका कितना पालन करते हैं, इसकी एक बानगी यहां पर देखी जा सकती है। योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निजी सचिव ने बीते 15 अगस्त को योगी सरकार के कद्दावर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के सुपुत्र अभिषेक सिंह के नाम से उरई जालौन के डीएम और एसएसपी को प्रोटोकॉल उपलब्ध कराने का निर्देश दे दिया। जल शक्ति मंत्री के निजी सचिव की तरफ से इसके लिए बाकायदा लखनऊ से पत्र जारी किया गया। योगी सरकार के जल शक्ति मंत्री के सुपुत्र को अब उरई जालौन में किस हैसियत से वहां के अधिकारियों ने एक विधायक, सांसद या कैबिनेट मंत्री को मिलने वाला प्रोटोकॉल उपलब्ध कराया। ये कोई नहीं जानता। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के सुपुत्र को सरकार का कितना प्रोटोकॉल मिला। ये तो उरई जालौन के डीएम और एसएसपी ही बता सकते हैं। लेकिन, अब उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। तबसे सरकार और ब्यूरोक्रेट्स के स्तर पर खलबली मची हुई है। आने वाले दिनों में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समाजवादी पार्टी, बसपा इसे राजनीतिक मुद्दा बना सकते हैं। सरकार को इसका जबाव देना पड़ सकता है कि आखिरकार कैबिनेट मंत्री के सुपुत्र को किस हैसियत से सरकार का प्रोटोकॉल मिला। 

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