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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
यदि आपको फिजियोथेरेपी कराना है तो फिजियोथेरेपिस्ट को अच्छे से जांच परख लें। वरना आपकी तकलीफ कम होने के बजाय बढ़ सकती है। बरेली में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। शहर के एक फिजियोथेरेपिस्ट और उसके असिस्टेंट ने महिला पुलिसकर्मी के बेटे की कूल्हे की हड्डी तोड़ दी। उन्हें तीन लाख रुपये खर्च करके बेटे का ऑपरेशन कराना पड़ा। महिला कांस्टेबल ने थाना बारादरी में फिजियोथेरेपिस्ट और उसके असिस्टेंट के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बारादरी इलाके का मामला, पैर में दर्द होने पर बेटे को फिजियोथेरेपिस्ट के पास ले गईं रोशनी
बरेली के थाना बरदारी क्षेत्र में बीसलपुर रोड स्थित शिव शक्ति गार्डन की रहने वाली हेड कांस्टेबल रोशनी शुक्ला पीलीभीत इंटेलिजेंस में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2025 की रात लगभग 9 बजे उनके बेटे अस्तित्व शुक्ला को पर में दर्द की शिकायत हुई। उन्होंने बेटे अस्तित्व को बीसलपुर चौराहा के निकट आकाश टॉवर में संचालित प्रांशुल फिजियोथैरेपिस्ट सेंटर ले जाकर दिखाया।
थेरेपी के बाद सेंटर से लंगड़ाता निकला दीवान का बेटा
महिला दीवान का आरोप है कि सेंटर हेड फिजियोथैरेपिस्ट जितेंद्र मौर्य ने उनके बेटे अस्तित्व को देखने के बाद अपने सहायक के हवाले कर दिया। फिजियोथैरेपी के बाद उनका बेटा लंगड़ाता हुआ बाहर निकला। रोशनी शुक्ला मुताबिक जब वह अपने बेटे को लेकर सेंटर गई थीं तब उनके पैर में केवल दर्द था। सीसीटीवी में स्पष्ट दिख रहा है कि उनका बेटा बगैर किसी सहारे के चलकर सेंटर पहंचा था।
शिकायत करने पर डॉक्टर ने नहीं दिया ध्यान
फिजियोथेरेपी के बाद उनके बेटे को चलने में खासी दिक्कत हो रही थी। वह उसे सहारा देकर केंद्र से बाहर ले गईं। उन्होंने डॉ जितेंद्र मोर्य से शिकायत की। इस पर उन्होंने कहा कि उनका सहायक प्रशिक्षित है, कोई परेशानी नहीं होगी। डॉ मौर्य अन्य लोगों से बातचीत में व्यस्त रहे। रोशनी का आरोप है कि डॉ जितेंद्र मोर्य के सहायक ने गलत ढंग से थेरेपी उनके बेटे अस्तित्व की कूल्हे की हड्डी तोड़ दी, जिससे उसके पैर में तेज दर्द होने लगा।वह जोर-जोर से चिल्लाता रहा और डॉक्टर उसके पैर और कूल्हे को मोड़ते रहे।
ऑपरेशन के बाद बेड रेस्ट पर है अस्तित्व, इलाज में खर्च हुए 3 लाख रुपये
इसकी वजह से अस्तित्व चलने-फिरने में असमर्थ हो गया। फिर उन्होंने अपने बेटे को एसआरएमएस कॉलेज ले जाकर दिखाया। जहां जांच में उसके कूल्हे में फ्रैक्चर होने की बात सामने आई है। बेटे के इलाज में उन्हें लगभग साढे़ तीन लाख रुपये करने पड़े। उन्होंने इसकी शिकायत फिजियोथेरेपिस्ट से की, लेकिन वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हुए। बारादरी थाने में शिकायत की तो पुलिस ने भी नहीं सुनी। इस पर रोशनी शुक्ला ने आईजी से मिलकर पूरा मामला बताया। उनके आदेश पर बारादरी पुलिस में आरोपी डॉ जितेंद्र मौर्य समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।