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नेपाल सीमा के गांव राघवपुरी गुरुद्वारा में सोमवार को हुए समारोह में 61 परिवारों ने घर वापसी की। इसके बाद गुरुद्वारा में मत्था टेका।
सोमवार को गांव राघवपुरी गुरुद्वारा में घर वापसी समारोह रखा गया। समारोह में भारतीय सिख संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क ने कहा कि सिख धर्म में कोई भेदभाव नहीं है। इससे दूसरे धर्म के लोग प्रेरणा लेते हैं। जिन लोगों ने भ्रमित होकर दूसरे धर्म को अपना लिया। उनके लिए सिख समाज के दरवाजे खुले हैं। घर वापसी करें, लालच में आकर भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि समारोह में 61 परिवारों ने घर वापसी की है। गुुरुद्वारा में मत्था टेका और अरदास हुई। उन्होंने बताया कि लोगों ने लालच में आकर भ्रमित होकर धर्म परिवर्तन की जानकारी दी थी।
ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल के जिलाध्यक्ष परमजीत सिंह ने कहा कि घर वापसी करने वाले लोगों को गले लगाया गया है। समारोह में महंगापुर के बाबा गुरनाम सिंह, अमरिया के बाबा मोहन सिंह, खजुरिया के बाबा सुलखान सिंह, बाबा गुरनाम सिंह, बाबा गुरविंदर सिंह, बाबा बल्देव सिंह के अलावा आगरा के प्रीतम सिंह, नानक नगरी बैल्हा गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष, सदस्य सहित नौ जत्थे पहुंचे। नानक नगरी गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष गुरदयाल सिंह ने बताया कि समारोह में दूसरे धर्म में गए लोगों ने स्वेच्छा से घर वापसी का आश्वासन दिया है। कुछ परिवारों ने घर वापसी भी की है।