/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/05/sharda-2025-07-05-08-59-38.jpg)
बाढ़ की तैयारियां अभी पूरी नहीं हो सकी कि जनपद में शारदा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। सिंचाई और राजस्व विभाग की तैयारियों के बीच गुन्हान गांव में नदी ने बाए किनारे की ओर चालू बरसात से अबतक करीब 50 एकड़ जमीन काट दी। इससे 25 ग्रामीण भूमिहीन हो गए। यहां नदी कटान कर लगातार अंर्तराष्ट्रीय पिलर संख्या 28 की ओर बढ़ रही है। वहीं नदी की स्थिति देख शारदा पार के तीन गांवों में बसे 150 परिवारों की बेचैनी भी बढ़ गई है।
कलीनगर तहसील क्षेत्र के नोमैंस लैंड से जनपद सीमा में प्रवेश करने के बाद शारदा नदी हर साल कलीनगर और पूरनपुर क्षेत्र के कई गांवों की सीमा में तबाही मचाती है। हर साल कृषि भूमि के अलावा बाढ़ परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचाती है। हर साल बरसात के बाद बाढ़ बचाव कार्य पर जोर दिया जाता है, लेकिन समय आने पर प्रयास खोखले साबित हो रहे हैं।
इधर इस बार बाढ़ के मद्देनजर प्रशासन ने तैयारियां तेज की, बाढ़ चौकियां स्थापित करने के साथ अन्य प्रयास भी शुरू किए, लेकिन इसके बीच बाढ़ से पूर्व ही अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। कलीनगर तहसील के शारदा नदी के पार बसे ग्रामीणों का कहना है कि चालू बरसात से अबतक नदी ने बाए किनारे की ओर करीब 50 एकड़ कृषि भूमि को काट दिया। इस भूमि पर गांव के 25 ग्रामीणों को दो-दो एकड़ के कृषि पट्टे किए थे। जमीन कटने से 25 ग्रामीण भूमिहीन हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि नदी पिछले साल से दाए किनारे की ओर नामात्र कटान कर रही है, जबकि बाए किनारे की ओर गत वर्ष भी आठ सौ एकड़ जमीन का कटान किया था। इस बार बाढ़ आने से पूर्व कटान की गति तेज हो गई। इससे खतरा बढ़ गया है। सिंचाई और तहसील प्रशासन की ओर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
नेपाल की बमनी नदी की पौन किलोमीटर की बची दूरी
गुन्हान गांव के ग्रामीणों का कहना है कि नदी बाए किनारे की ओर लगातार कटान कर अंर्तराष्ट्रीय सीमा पिलर संख्या 28 के नजदीक बढ़ रही है। यहां से नेपाल की सीमा में बह रही बमनी नदी की दूरी भी महज पौन किलोमीटर बची है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो बाढ़ के दौरान कटान कर नदी जगबूड़ा के नजदीक पहुंच सकती है। फिर तबाही रोकना जिम्मेदारों के लिए मुश्किल हो जाएगा। शारदा ने इस चालू बरसात से अबतक गुन्हान गांव के 25 ग्रामीणों की दो-दो एकड़ जमीन का कटान किया। इसमें गांव निवासी संजू राम, शंकर, गंगाराम, पारस नाथ, काशीनाथ, राजेंद्र प्रसाद, संजय बनर्जी और कैलाश आदि ग्रामीण शामिल हैं। उन्होंने राजस्व प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
नगरिया खुर्द कला के ग्राम प्रधान विवेका नंद का कहना है कि नदी में हर साल बाढ़ की स्थिति बनती है। नदी के पार बसे लोगों की हर साल मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ऐसे में सांसद, विधायक और अफसरों के सामने समस्या रखने के बाद वर्ष 2023 में नदी के पार गाटा संख्या 02 रकवा 0.074 हेक्टेयर जमीन बाढ़ शरणालय के लिए चिह्नित की गई थी। लेकिन अभी तक बजट न मिलने से उसका कार्य शुरू नहीं हो सका। जलस्तर बढ़ने के बाद भी यह लोग जोखिम के बीच नाव से ही आवाजाही करते हैं। पानी अधिक बढ़ने पर नदी के पार ही रुक जाते हैं। इसके लिए एक घाट और एक नाव ग्राम पंचायत की ओर से निशुल्क लगाई गई है।