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न्यूरिया क्षेत्र में किसान को मारने वाली बाघिन शनिवार को भी वन विभाग की पकड़ से दूर रही। शुक्रवार दोपहर बाद बैल पर हमले की घटना के बाद विभागीय टीमों ने मानपुर गांव के एक गन्ने के खेत में घेराबंदी की थी, लेकिन अंधेरे में बाघिन टीम को चकमा देकर भाग गई। शनिवार को उसकी कोई लोकेशन नहीं मिली। टीमें निगरानी में जुटी हैं, वहीं ग्रामीणों में दहशत बरकरार है।
न्यूरिया क्षेत्र के मेवातपुर में नौ जून को किसान मुकेश को हमला कर बाघिन ने मार दिया था। बाघिन माला रेंज के जंगल से बाहर निकलकर आई थी। हमले की घटना के बाद विभागीय टीमों ने बाघिन की निगरानी शुरू की थी। स्थिति को देख उसे पकड़ने की अनुमति भी ले ली गई थी। चार दिन पूर्व तक बाघिन की कोई लोकेशन नहीं मिल पा रही थी।
इस बीच शुक्रवार दोपहर बाद बाघिन ने टाह गांव के निकट पहुंचकर गन्ने के खेत में बैल को मार दिया। जानकारी के बाद विभागीय टीमें सतर्क हुईं थी। मौके पर पहुंचकर जांच के बाद बाघिन की लोकेशन ट्रेस की गई। इसके बाद मानपुर गांव की सीमा में गन्ने के खेत में बाघिन की मौजूदगी देख घेराबंदी की गई।
ट्रैंक्युलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार भी मौके पर पहुंच गए। शाम होने के चलते कुछ देर तक बाघिन की मौजूदगी देखी गई, इससे पहले कि उसे पकड़ने के प्रयास शुरू किए जाते अंधेरा होते ही बाघिन वहां से आगे की ओर निकल गई। इसके बाद टीमें उसकी निगरानी में जुटी रहीं।
रात भर क्षेत्र में नजर रखी गई। डीएफओ भरत कुमार डीके का कहना है कि ड्रोन से नियमित रूप से निगरानी की जा रही है। टीमें सतर्क हैं। सही स्थिति देख बाघिन को रेस्क्यू करने पर अमल किया जाएगा। ग्रामीणों को भी जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा है।
हजारा थाना क्षेत्र के गांव शांतिनगर के समीप घर से खींचकर महिला को मार डालने वाले बाघ को बेहोश कर पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम हाथियों पर सवार होकर उसकी तलाश करेगी। शनिवार को दुधवा से दो हाथियों को मंगाया गया है। पूरे दिन बाघ की कोई जानकारी टीम को नहीं लग सकी।
हजारा थाना क्षेत्र के गांव शांतिनगर निवासी रामकिशोर की पत्नी रेशमा को बाघ तीन जून की देर शाम घर से खींच ले गया और खेतों में ले जाकर मार डाला। चार जून को घटनास्थल पर पहुंचे वन विभाग के कंजरवेटर ने बाघ को बेहोश कर पकड़ने के आदेश दिए। तब से बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए टीम क्षेत्र में डेरा जमाए है। ड्रोन कैमरों से बाघ की तलाश कराई जा रही है।
टीमों को अब तक बाघ के पगचिह्न मिले हैं। संपूर्णानगर रेंजर अनिल कुमार ने बताया कि शनिवार को भी बाघ की जानकारी नहीं मिली। बाघ को बेहोश कर पकड़ने में मदद के लिए दुधवा से दो हाथियों को मंगवाया गया है। टीम हाथियों पर सवार होकर बाघ की तलाश करेगी।