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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
नेपाल सीमा से सटे गांवों में धर्मांतरण का खेल सामने आने पर हजारा थाना पुलिस ने दो मुकदमे दर्ज किए हैं। करीब एक माह बीत जाने के बाद 15 नामजद और 30 से अधिक अज्ञात में सिर्फ एक ही आरोपी पुलिस के हाथ आया है। मुख्य आरोपी को माधोटांडा पुलिस ने स्मैक के साथ पकड़ा था। मामले में सीओ पूरनपुर ने अलग ही बात कही। उनका कहना है कि धर्मांतरण में गिरफ्तारी नहीं होती।
जिले में नेपाल सीमा से सटे टाटरगंज उर्फ सिंघाड़ा, वमनपुरी, बैल्हा आदि गांवों में वर्ष 2020 से धर्मांतरण का खेल खेला गया। रुपये, सरकारी योजनाओं का लाभ, बीमारी से निजात आदि का झांसा देकर करीब 3000 लोगों को ईसाई बनाया गया। पता चला तो सिख संगठनों ने प्रयास किए। गांवों में जाकर लोगों से संपर्क किया। बताया जा रहा है कि अब तक करीब एक हजार लोगों की घर वापसी कराई जा चुकी है। धर्मांतरण के मामले में हजारा थाने में दो मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।
इसमें एक मुकदमा 15 मई को दर्ज किया गया था। छेड़खानी, मारपीट और अन्य धाराओं में दर्ज इस मुकदमे में आठ नामजद और करीब 40 अज्ञात को आरोपी बनाया गया। करीब एक सप्ताह पूर्व दर्ज कराए गए मुकदमे में सात लोगों को नामजद किया गया। पूर्व में दर्ज मुकदमे के मुख्य आरोपी को तो माधोटांडा पुलिस ने स्मैक के साथ पकड़ा था। उसके एक अन्य साथी को भी जेल भेजा गया था। अन्य कोई आरोपी पुलिस के हाथ नहीं आया है। हजारा थानाध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि उन्होंने आज ही चार्ज संभाला है। कितने आरोपी पकड़ में नहीं आए और मुकदमे की स्थिति की जानकारी जुटा रहे हैं। सीओ प्रतीक दहिया ने बताया कि धर्मांतरण मामले में गिरफ्तारी का प्राविधान नहीं है। अन्य धाराओं में आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है। विवेचना चल रही है। एक आरोपी को माधोटांडा पुलिस ने पकड़ा है।