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अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्या को भी देश से बाहर किया जाएगा। इसके लिए शासन से सभी जिलों को आदेश जारी किए गए हैं। इसी क्रम में बरेली पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शासन के निर्देश पर 15 दिवसीय अभियान रविवार से शुरू हुआ है। इसके लिए हर थाना क्षेत्र में टीम गठित की गई है। ये टीमें सुबह-शाम अपने थाना क्षेत्र में ऐसे लोगों को चिह्नित करेंगी, जो बाहर के रहने वाले हैं। उनका सत्यापन किया जाएगा। यह पता किया जाएगा कि कोई बांग्लादेशी या रोहिंग्या तो नहीं रह रहा है। अगर ऐसा कोई व्यक्ति रहता पाया गया तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। सत्यापन के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- बांग्लादेशी/रोहिंग्या नागरिकों ने अपने प्रवास को विनियमित करने के लिए कौन-कौन से अभिलेख/सुविधाएं हासिल की हैं। इनमें राशन कार्ड, वोटर लिस्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, पासपोर्ट व आधार कार्ड आदि हो सकते हैं।
- झुग्गी-झोंपड़ियों में आवासित बांग्ला/असमिया भाषी लोगों के अवैध बांग्लादेशी/रोहिंग्या नागरिक चिह्नित होने पर उनके फिंगरप्रिंट लेकर राज्य फिंगरप्रिंट ब्यूरो को भेजा जाए, वहां इनके बारे में जिलावार कंप्यूटराइज्ड डाटाबेस अलग से रखा जाए।
- झुग्गी-झोंपड़ियों में रह रहे बांग्ला/असमिया भाषी लोगों के संबंध में राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
- झुग्गी-झोंपड़ियों में रह रहे लोगों का स्थानीय स्रोतों की सहायता से भी सघन सत्यापन कराया जाए।
- जिला पुलिस व एलआईयू संयुक्त रूप से इनकी पहचान करे।
- बांग्ला/आसमिया भाषी कितने लोग आजीविका के लिए रिक्शा चलाने, मीट फैक्टरी में काम करने, कूड़ा-कबाड़/पॉलीथिन बीनने, कॉलोनियों की सफाई करने, महिलाओं द्वारा घरेलू नौकर के रूप में काम करने का काम कर रहे हैं।