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बदनाम हुई 'मुन्नी', चोरी में निर्दोष को भेजा जेल, आरोपी महिला दूसरी निकली

बरेली के थाना सीबीगंज पुलिस का एक अजब कारनामा सामने आया है। सीबीगंज पुलिस ने बिजली चोरी के आरोप में मुन्नी नाम की महिला को गिरफ्तार जेल भेज दिया, जबकि आरोपी मुन्नी दूसरी महिला है।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली के थाना सीबीगंज पुलिस का एक अजब कारनामा सामने आया है। सीबीगंज पुलिस ने बिजली चोरी के आरोप में मुन्नी नाम की महिला को गिरफ्तार जेल भेज दिया, जबकि आरोपी मुन्नी दूसरी महिला है। इसका खुलासा तब हुआ जब निर्दोष महिला का पति जमानत कराने कोर्ट पहुंचा। इसका पता लगने पर एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी को जांच सौंप दी। 

रस्सी का सांप बनाना पुलिस का बाएं हाथ का खेल है। यह कहावत पुरानी जरूर है, लेकिन आज भी सटीक साबित होती है। बरेली में पुलिस के रस्सी को सांप बनाने जैसा मामला सामने आया है। सीबीगंज थाने की परसाखेड़ा चौकी इंचार्ज सौरभ यादव की वजह से बंडिया गांव की रहने वाली मुन्नी नाम की महिला को बेकसूर होकर दो दिन जेल में गुजारने पड़े, जबकि बिजली चोरी के पुराने मुकदमे में वारंट मुन्नी नाम की दूसरी महिला का जारी हुआ था। कोर्ट की फटकार के बाद महिला को रिहा कर दिया गया, लेकिन चौकी प्रभारी ने महिला को धमकाया कि अगर किसी से कुछ कहा तो उसके हिस्ट्रीशीटर पति को जेल भेज दिया जाएगा।

वर्ष 2018 में दर्ज हुआ था बिजली चोरी का मुकदमा
 

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यह मामला सीबीगंज थाने के बंडिया गांव का है। वर्ष 2018 में बंडिया निवासी महिला मुन्नी पत्नी छोटे शाह के घर बिजली चोरी पकड़ी गई थी। सीबीगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। विधवा मुन्नी ने कोई पैरवी नहीं की तो कोर्ट से उसके गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया। 13 अप्रैल को परसाखेड़ा चौकी प्रभारी सौरभ यादव पुलिस टीम के साथ दबिश देने बंडिया गांव पहुंचे। पुलिस मुन्नी पत्नी छोटे शाह की जगह उसी गांव की मुन्नी पत्नी जानकी को पकड़कर थाने ले गई और लिखा पढ़ी के बाद जेल भेज दिया। इस दौरान मुन्नी और उनके परिजन चीख-चीखकर खुद को निर्दोष बताते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। 

जमानत कराने पति कोर्ट पहुंचा तो सामने आई असलियत 

महिला के पति जानकी जमानत कराने के लिए कोर्ट पहुंचे तो वकील के जरिए केस की जानकारी कराई गई। तब पता लगा कि उनकी पत्नी मुन्नी के नाम कोई रिपोर्ट या वारंट ही नहीं है। इसके बाद जानकी सीबीगंज थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर सुरेश चंद्र गौतम को पूरी बात बताई। जांच करने पर पुलिस को पता चला कि वारंट दूसरी मुन्नी का जारी हुआ है। फिर तो पुलिस के हाथ-पैर फूल गए। परसाखेड़ा चौकी प्रभारी ने कोर्ट जाकर अर्जी देकर स्थिति स्पष्ट की। कहीं तब जाकर बुधवार को मुन्नी जेल से रिहा हो सकी।

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चौकी इंचार्ज बोले-खर्चा जो हुआ मिल जाएगा, किसी से कुछ कहना मत

पीड़ित महिला के परिवार वालों ने बताया कि चौकी प्रभारी ने उन पर दबाव बनाया है कि वह इस मामले में मीडिया अथवा किसी बाहरी व्यक्ति से कोई बात नहीं करेंगे। उनका जो खर्चा हुआ है वो दे दिया जाएगा। इसके बाद भी किसी से कुछ कहा तो उसके हिस्ट्रीशीटर पति जानकी को जेल भेज दिया जाएगा।

दूसरी महिला को भी नहीं भेजा जेल

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इस पूरे घटनाक्रम से सीबीगंज थाना पुलिस सकते में आ गई है। अब पुलिस असली वारंटी महिला मुन्नी पत्नी छोटे शाह को भी जेल नहीं भेज पा रही है। गौरतलब यह है कि एक मुकदमे में पुलिस मुन्नी नाम की महिला को जेल भेज चुकी है। पुलिस  एक ही मामले में दो लोगों को जेल भेज नहीं सकती। आगे कोई कार्रवाई करने से पहले पुलिस विधिक राय लेने की कोशिश में है। 

एसपी सिटी करेंगे मामले की जांच

एसएसपी अनुराग आर्य ने इस चर्चित मामले में चौकी प्रभारी सौरभ यादव और अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच एसपी सिटी मानुष पारीक को सौंप दी है। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।

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