/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/07/OWz7jvL9yS0B4qu0qDu8.jpg)
Photograph: (यंग भारत न्यूज।)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
Photograph: (यंग भारत न्यूज।)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
पावर कारपोरेशन में कैशियर और जालसाजों के गठबंधन से चेक के जरिये बिजली बिल जमाकर फर्जीवाड़ा करने का खेल चल रहा था। इस खेल में शामिल कैशियर राहुल गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में अधिशासी अभियंता हरीश कुमार ने बरेली कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पावर कारपोरेशन में सक्रिय यह गिरोह कैशियर से साठगांठ कर उपभोक्ताओं को लुट रहा था। गिरोह बिजली बिल कम करने के नाम पर उपभोक्ताओं से नकद धनराशि लेता था फिर अपने खाते का चेक लगाकर बिल जमा कर देता था। कैशियर बिल जमा होने की रसीद भी दे देता था, इससे उपभोक्ता को लगता था कि उसका बिल जमा हो गया। दूसरी ओर बैंक में लगने के बाद यह चेक बाउंस हो जाते थे। निगम में लंबे समय से यह खेल चल रहा था।
बताते हैं कि जालसाज यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से कर रहे थे। बैंक से जब चेक बाउंसिंग का मेमो आता था तो उसे भी दबा दिया जाता था लेकिन इस बार बैंक से आया मेमो दबा नहीं पाए और वह अफसरों के हाथ लग गया, जिससे उनका भंडाफोड़ा हो गया। जिन बिलों में फर्जीवाड़ा किया गया है वे विद्युत वितरण खंड ग्रामीण द्वितीय के हैं और इन बिलों को जमा विद्युत वितरण खंड नगरीय द्वितीय के यहां किया गया है।
ऐसे करीब 36 चेक पकड़ में आए हैं जिनका इस्तेमाल फर्जीवाड़ा करने में किया गया, इनमें दो चेक ऐसे भी हैं, जिन पर साइन नहीं हैं फिर कैशियर ने उन्हें स्वीकार कर बिल जमा कर लिया। ये चेक अनहर हुसैन, हिमांशु रंजन, ज्ञानेस्वरी देवी यागनिक, लव कुमार गौत, कार्तिक इंटरप्राइजेज के अमित शर्मा के नाम से जारी किए गए हैं, जो कनेक्शनधारक के नाम से अलग हैं।
पावर कारपोरेशन में बिलजी बिलों में धांधली का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एक अधिशासी अभियंता बिजली चोरी के मामलों में राजस्व निर्धारण में भी सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बिना राजस्व निर्धारण का संशोधन कर दिया था। संशोधन किए गए पत्र 15 दिन बाद बाबू ने डिस्पैच किए थे। यह मामला उछला तो बाबू को यह तर्क देकर बचा लिया गया कि डाक टिकट न होने की वजह से रजिस्ट्री नहीं हो पाई थी।बिजली चोरी के मामलों में राजस्व निर्धारण का पटल देखने वाला बाबू, कैशियर और एक अधिशासी अभियंता का कंप्यूटर ऑपरेटर इस खेल के बड़े खिलाड़ी बताए जाते हैं।
चेक के जरिये बिजली बिल जमा करने में धांधली करने वाले गिरोह के खिलाफ अधिशासी अभियंता हरीश कुमार की ओर से तहरीर दी गई है। हालांकि तहरीर में किसी को नामजद नहीं किया गया है। ऐसे में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि जिनके नाम से चेक दिए गए हैं धांधली में वे लोग ही शामिल हैं या फिर धोखाधड़ी कर किसी और के चेकों का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस ने अभी इस मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। कोतवाली इंस्पेक्टर अमित पांडेय ने बताया कि शुरुआती जांच में इस मामले में विभागीय कर्मचारियों की साठगांठ से ही फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आ रही है। जांच पूरी होने के बाद मामले की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।