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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
मोटी कमाई के लालच में मुनाफाखोर खाद्य पदार्थ नहीं बाजार में जहर बेच रहे हैं। बरेली में मिलावट का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पिछले साल 1382 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए थे। प्रयोगशाला में जांच कराने पर 39 फ़ीसदी यानी 537 नमूने फेल पाए गए। खास बात यह है कि जो नमूने फेल हुए हैं, उनमें नमकीन, दाल, दूध से निर्मित पदार्थ और तेल, मसाले आदि रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली चीजें शामिल हैं।
जिन खाद्य पदार्थों के नमूने फेल हुए हैं उनमें 111 ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं जो असुरक्षित यानी खाने योग्य नहीं हैं। इनको खा लिया जाए तो शरीर में जहर का काम करते हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार जो खाद्य पदार्थ जांच में असुरक्षित मिले हैं उनकी गुणवत्ता बेहद खराब है। जांच में 352 नमूने अधोमानक पाए गए। इन खाद्य पदार्थों में पूरी तरह से मिलावट पाई गई।
कोई बड़ा त्योहार नजदीक आने पर एफएसडीए की टीमें चेकिंग अभियान चलाकर दुकानों से खाद्य पदार्थों के नमूने लेती हैं। नमूनों की जांच रिपोर्ट आने में 20 से 30 दिन लग जाते हैं। इससे पहले मुनाफाखोर मिलावटी माल बाजार में खपा देते हैं, जिसे बड़ी संख्या में लोग मिलावटी चीजें खा चुके होते हैं। पिछले साल टीमों ने 3000 से अधिक दुकानों से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर छापामार अभियान चलाया जाता है। साथ ही लोगों को जागरुक भी किया जाता है। जांच में नमूने फेल होने पर संबंधित दुकानदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाती है।