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सात माह तक सैलानियों की आमद से गुलजार रहने वाले पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार रविवार शाम सात बजे बंद हो जाएंगे। अंतिम दिनों में पर्यटन स्थल पर सैलानियों की काफी भीड़ रही। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के प्रमुख पर्यटन स्थल चूका बीच के द्वार सैलानियों के लिए 15 नवंबर से खोल दिए जाते हैं। सात माह तक जनपद के अलावा दूरदराज इलाकों से सैलानियों की आमद होती है। चूका बीच की खूबसूरत हटें और जंगल में बाघ समेत वन्य जीवों के दीदार के शौकीन सैलानी पर्यटन स्थल का आनंद उठाते हैं।
अब तक करीब 53 हजार सैलानी पर्यटन स्थल का भ्रमण कर चुके हैं। रविवार को सत्र का अंतिम दिन है। शाम सात बजे के बाद टाइगर रिजर्व के द्वार आम सैलानियों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ऐसे में अंतिम दिनों में सैलानियों की आमद बढ़ी है। शनिवार को भी दिन भर चूका बीच में रौनक रही।
सुबह और शाम की शिफ्ट में जंगल सफारी के अधिकतर वाहन बुक थे। सैलानियों ने भ्रमण के दौरान बाघ के दीदार भी किए। विभागीय आंकड़ों के अनुसार अंतिम दिनों में रोजाना 500 से अधिक सैलानी भ्रमण के लिए पहुंचे।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र के दौरान अब तक 53 हजार सैलानी भ्रमण के लिए आ चुके हैं। इसमें चार सौ से अधिक विदेशी सैलानी भी शामिल हैं। खास बात यह रही है सैलानियों को हर दिन बाघों के दीदार हुए। इसके चलते सैलानी बार-बार पीटीआर आने पर मजबूर हुए।
कलीनगर। पीटीआर का पर्यटन सत्र रविवार को बंद हो जाएगा। सत्र में अबतक 53 हजार सैलानी पहुंच चुके हैं। वहीं पिछले सत्र में 54 हजार से अधिक सैलानी पहुंचे थे। ऐसे में सैलानियों और क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि डगा और फिर कलीनगर पुल पर आवागमन बंद होने से सैलानियों को काफी परेशानी हुई। आवागमन की व्यवस्था बेहतर न होने से काफी सैलानी यहां नहीं पहुंच सके। इसका पर्यटन पर असर पड़ा। इधर अंतिम दिन भी भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। चूका की हटों के अलावा अधिकांश होम स्टे फुल हैं।