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हजारा थाना के गांव शांतीनगर के समीप घर से खींचकर महिला को मार डालने वाले बाघ का रविवार को हाथियों पर सवार होकर पहुंची ट्रैंक्यूलाइज टीम का आमना सामना हो गया। मगर बाघ आहट पर फिर नाले में छिप गया। जेसीबी मशीन, हाथियों से टीम बाघ को तलाश करने में जुटी रही, लेकिन शाम तक बाघ को पकड़ने में सफलता नहीं मिल सकी।
हजारा थाना क्षेत्र में गांव शांतीनगर के समीप रामनगर तिराहा के समीप रामकिशोर की पत्नी रेशमा को तीन जून की शाम को घर के समीप से उस समय बाघ खींच ले गया था। तब रेशमा बर्तन धो रही थी। बाघ ने रेशमा को खेतों में ले जाकर मार डाला था। रेशमा के शव को बाघ से छुड़ाने को वनकर्मियों को फायरिंग करनी पड़ी थी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। चार जून को घटना स्थल पहुंचे वन विभाग के कंजरवेटर से बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कराने के आदेश दिए। तब से बाघ को ट्रैक्यूलाइज करने को टीम क्षेत्र में डेरा जमाए हुए है।
बाघ हाथ न लगने पर बाघ को ट्रैंक्यूलाइज कराने को दुधवा से दो हाथी मंगवाए गए। रविवार को सुबह पांच बजे बाघ को तलाश कर ट्रैंक्यूलाइज करने का अभियान शुरू हुआ। गांव शांतीनगर के समीप सुतिया नाले में बाघ और हाथियों पर सवार होकर पहुंची ट्रैंक्यूलाइज टीम का सुबह साढ़े 10 बजे आमना-सामना हो गया। मगर आहट पर बाघ फिर नाले में छिप गया। इसके बाद जेसीबी, हाथियों की मदद से घंटों बाघ की तलाश की गई। मगर बाघ टीम को नहीं दिखा। रविवार शाम को फिर अभियान शुरू किया गया। मगर शाम सात बजे तक बाघ की जानकारी नहीं लग सकी। संपूर्णानगर के रेंजर अनिल कुमार ने बताया कि नाले में बाघ ट्रैंक्यूलाइज टीम को दिख गया था। मगर इस दौरान गांव के लोगों ने बाघ होने का शोर मचा दिया। इस पर बाघ फिर नाले में छिप गया। शाम को फिर बाघ को ट्रैक्यूलाइज करने का अभियान शुरू कराया गया है।