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रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने भी धूमधाम से मनाया गणतंत्र दिवस

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया । पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जन्म शताब्दी वर्ष के नीतियों एवं विचारों पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सुशासन नीतियों एवं विचारों पर  हुई  विचार गोष्ठी

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस  में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। विश्वविद्यालय के  कुलपति ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस दिन भारत गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत उनकी सुशासन संबंधी नीतियों एवं विचारों पर विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में फरीदपुर विधायक प्रो. श्याम बिहारी लाल ने  उनकी सुशासन की नीतियों पर चर्चा की। उन्होनें कहा कि अटल जी ने अंत्योदय का दर्शन दिया। किस प्रकार संसाधनों का उचित प्रबंध करके अंतिम व्यक्ति तक संसाधनों को पहुंचाया जाए।

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कई नीतियां के कारण भारत के विकास को मिला बल

उनके द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड, नदियों को जोड़ने की  योजना ,चतुर्भुज योजना ,पोखरण विस्फोट आदि राष्ट्रहित की भावना से  बनाई गई नीतियां थी। जिसके कारण भारत के विकास को बल मिला। डीन एकेडमिक्स, प्रो. एस.के. पाण्डेय द्वारा भी अटल जी के व्यक्तित्व के और उनके विचारों के विषय में चर्चा की गई। उन्होनें कहा कि उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था। विभिन्न राजनीतिक पटलों पर उन्होंने विभिन्न भूमिकाएं निभाई। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री अटल जी द्वारा भारतीय जनमानस के लिए सुशासन की व्यवस्था स्थापित की।  कार्यक्रम अध्यक्ष  कुलपति प्रो. के.पी.सिंह ने शिक्षकों विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों को 76 में गणतंत्र दिवस की बधाई दी।

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देश भर में भव्य आयोजन किया गया

उन्होंने कहा कि आज का दिन राष्ट्रीय अवकाश का नहीं बल्कि  हर्षोल्लास का दिन है। आज के दिन ही संविधान लागू हुआ था । गणतंत्र दिवस के अवसर पर  देश भर में भव्य आयोजन किए जा रहे है। उन्होनें कहा कि विश्वविद्यालय के तीन स्वयंसेवक भी गणतंत्र दिवस की राष्ट्रीय परेड में शामिल हुए हैं। स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास, जो कि इस वर्ष  गणतंत्र दिवस की थीम है। इस स्वर्णिम अवसर पर हमारा विश्वविद्यालय भी अपने 50वें स्थापना दिवस को मनाएगा। विश्वविद्यालय का भी यह स्वर्णिम जयंती वर्ष होगा। विश्वविद्यालय द्वारा न केवल 50 साल की उत्कृष्ट यात्रा की गई है बल्कि इस यात्रा में  विभिन्न रैंकिंग तथा मूल्यांकन के क्षेत्र में श्रेष्ठतम स्थान नॉक ए डबल प्लस, क्यू एस.रैंकिंग, एन.आई.आर.एफ. तथा अन्य रैंकिंग में भी अपना  स्थान सुनिश्चित किया गया है।

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50 साल पहले स्थापित हुआ था विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय  की नींव 50 साल पहले रखी गई थी। अकादमिक और सामाजिक  योगदान की वजह से वर्तमान में विश्वविद्यालय विश्व पटल पर  स्थापित हुआ है । अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी और शिक्षक भी रुहेलखंड  विश्वविद्यालय के साथ जुड़कर विश्व पटल पर परचम लहरा रहे हैं। इन 50 वर्षों में कहीं ना कहीं अकादमिक स्थायित्व के कारण ही विश्वविद्यालय की संरचना को मजबूती मिल रही है। इसी वजह से अनुसंधान और तथा पीएम उषा के अंतर्गत 100 करोड़ का अनुदान भी विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है।

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10000 से अधिक विद्यार्थी परिसर में अध्यनरत

नई प्रयोगशालाएं, डिजिटल लर्निंग हब आदि भी स्थापित की जा रही  है। विद्यार्थियों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हुई है और वर्तमान में 10000 से अधिक विद्यार्थी परिसर में अध्यनरत है। विद्यार्थियों को आधिकारिक संसाधन उपलब्ध करवाने करवाए जा रहे है ।  अंतर्राष्ट्रीय ट्रैवल ग्रैंड, पोस्टर प्रिंटिंग फैसिलिटी भी  परिसर में उपलब्ध करवाई गई है और इस 50 वें वर्ष के साथ-साथ बरेली को विश्व पटेल पर स्थापित करना रुहेलखंड विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण अकादमी की उपलब्धि है।

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राष्ट्र के प्रति उनकी व्यक्तिगत संवेदनशीलता रही

अटल जी चाहे प्रधानमंत्री पद पर रहे हो या नेता प्रतिपक्ष के रूप में,  समष्टि व राष्ट्र के प्रति उनकी व्यक्तिगत संवेदनशीलता  सदैव  रही है। उनका जीवन सदैव राष्ट्र के लिए समर्पित रहा और हमें उनके व्यक्तित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए। धन्यवाद ज्ञापन  कुलसचिव संजीव कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम में  सांस्कृतिक समन्वयक डॉ.ज्योति  पाण्डेय डॉ. अतुल कटियार, प्रो. जे.एन.मौर्य, प्रो. संजय गर्ग, डॉ. अमित कुमार सिंह, प्रो.शोभना ,  डॉ.इंदरप्रीत कौर, डॉ. रीना , डॉ.सौरभ, प्रो.शोभना सिंह, प्रो . एस. एस.बेदी, प्रो.रवींद्र सिंह, प्रो. ए.के.सिंह, सभी  संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, शिक्षक अधिकारी, सुधांशु, तपन कुमार, महेश जोशी , सुधाकर,  अजय तथा  विद्यार्थी  कृष्णांगी, श्रेया, शुभ्रा, प्रगति उपस्थित थे।

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