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आरएसओ जितेंद्र यादव का मेरठ हुआ तबादला, कल से कार्यभार संभालेंगी चंचल मिश्रा

स्पोर्ट्स स्टेडियम की तस्वीर बदलने के दावे तो खूब हुए, लेकिन हकीकत में खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। बीते चार वर्षों से स्टेडियम में आरएसओ के पद का कार्यभार संभाल रहे जितेंद्र यादव का शुक्रवार को मेरठ तबादला हो गया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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स्पोर्ट्स स्टेडियम की तस्वीर बदलने के दावे तो खूब हुए, लेकिन हकीकत में खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। बीते चार वर्षों से स्टेडियम में आरएसओ के पद का कार्यभार संभाल रहे जितेंद्र यादव का शुक्रवार को मेरठ तबादला हो गया। उनकी जगह अब अयोध्या की चंचल मिश्रा कार्यभार संभालेंगी। पूर्व आरएसओ के कार्यकाल में कुछ प्रदेश स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जरूर हुईं, लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो सका। सबसे बड़ी जरूरत- हॉस्टल की मांग अब भी अधूरी है। 

चार साल में नहीं मिल पाया हॉस्टल

17 जुलाई 2021 को आरएसओ के रूप में कार्यभार संभालने वाले जितेंद्र यादव ने छात्रावास के निर्माण की योजना को आगे बढ़ाने की कोशिश तो की, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी वह केवल कागजों तक ही सीमित रही। प्रतियोगिताओं में बाहर से आने वाले खिलाड़ियों को निजी होटलो या स्कूलों में ठहराया जाता है। जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता था। खिलाड़ियों को पेयजल की भी सुविधा नहीं मिलती थी। कहीं पर कमरों की फॉलसीलिंग टूटी हुई मिली, तो कहीं पर बाथरूम में पानी नहीं आया। पूरी रात खिलाड़ियों को मच्छरों के प्रकोप से जूझना पड़ा।

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कोच नहीं तो कैंप नहीं

स्टेडियम में बॉक्सिंग, तैराकी, बैडमिंटन जैसे लोकप्रिय खेलों में प्रशिक्षकों की कमी, खिलाड़ियों की राह में हमेशा बाधा बनी। बॉक्सिंग रिंग टीन शेड के नीचे जरूर शिफ्ट हुई, लेकिन उसकी स्थिती में कोई बदलाव नहीं आया। मैट जगह-जगह से फटी हुई है और नीचे की सतह टूट चुकी है।
कोच के न होने से, खेल में कैंप भी नहीं लगाए जाते थे। न खिलाड़ियों की पंजीकृत संख्या का कोई हिसाब था, न ही कोच की उपस्थिती का। नतीजा यह हुआ कि खिलाड़ियों की संख्या में लगातार गिरावट आई। बिना मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के युवा खिलाड़ियों का उत्साह ठंडा पड़ गया। कई खेलों में नियमित अभ्यास की जगह खिलाड़ियों ने आना ही बंद कर दिया। वहीं उनके कार्यकाल में महज फुटबॉल के खेल में ही खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच पाएं।

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