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रुहेलखंड विश्वविद्यालय : ओएस्टर मशरूम की खेती से होगा पांच गुना मुनाफा

रुहेलखंड विश्वविद्यालय में हुए प्रशिक्षण समारोह में वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि मशरूम की खेती करने से उनका मुनाफा सामान्य फसल की तुलना में पांच गुना तक बढ़ जाएगा।

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Sudhakar Shukla
रुहेलखंड विश्वविद्यालय में किसान प्रशिक्षण समारोह

रुहेलखंड विश्वविद्यालय में किसान प्रशिक्षण समारोह

वाईबीएन संवाददाता, बरेली। महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालयमें कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह की प्रेरणा से प्रोफेसर संजय कुमार गर्ग के मार्गदर्शन एवं प्रोफेसर आलोक श्रीवास्तव के संरक्षण में पादप विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विजय कुमार सिंहल के दिशा निर्देशन मे नॉर्थ सिटी एक्सटेंशन के निवासियों को ओयस्टर मशरूम कल्टीवेशन का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें मशरूम विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षक डॉक्टर विजय कुमार सिंहल ने बताया कि ओयस्टर मशरूम की खेती आने वाले समय में किसानों को मालामाल कर देगी। 

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ओयस्टर मशरूम की खेती में 5 गुना तक का मुनाफा होता है। 20 से ₹25 कीमत के तैयार मशरूम बाग से लगभग 180 से 220 रुपए तक का ओयस्टर मशरूम उगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कई कंपनियां ओयस्टर मशरूम को हाथों-हाथ खरीदने को तैयार हैं। ग्रहणियों के खाली समय के सदुपयोग के लिए नॉर्थ सिटी एक्सटेंशन की महिला पुरुषों के निवेदन पर पादप विज्ञान विभाग के डॉक्टर विजय कुमार सिन्हाल द्वारा यह मशरूम प्रशिक्षण सिविल लगाया गया। इसमें 30 लोगों ने प्रतिभागिता की। वैज्ञानिकों ने बताया कि ओयस्टर मशरूम 2 से 3 दिन तक खराब नहीं होता है। ओयस्टर मशरूम को सुखाकर बेचने पर यह 500 से ₹700 प्रति किलो बिकता है।

अधिकतर सब्जियां बाजार में न बिकने पर खराब हो जाती हैं, लेकिन ओयस्टर मशरूम न बिकने पर सुखा लिया जाता है। उसका पाउडर बना लिया जाता है। इस पाउडर को अच्छे दामों पर बेचा जाता है। यानी किसी भी दशा में ओयस्टर मशरूम चाहे ताजा बेचे या पाउडर बनाकर। हर परिस्थिति में मुनाफा ही होगा। शिक्षण शिविर में अंजना सक्सेना, शालिनी सक्सेना, पूजा सिंहल, वृद्धि सक्सेना, अनिका सिंहल, मोहित सक्सेना, कृष्ण, महेंद कुमार कौशल कुमार, राजन सिंह ने शिविर में प्रतिभागिता की।

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