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समाजवादी पार्टी: पूर्व ब्लॉक प्रमुख और ठेकेदार को बड़ा पद दिलाने का आश्वासन

सपा के एक दलबदलू नेता अपनी पार्टी से दूरी बनाए हैं, लेकिन एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख को संगठन और ठेकेदार को विधानसभा का टिकट दिलाने के नाम पर उनकी सेवाएं लेने में जुटे हैं।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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सपा के एक दलबदलू नेता पीडीए के फार्मूले पर चुनाव लड़कर दिल्ली का रास्ता तो तय कर चुके हैं। मगर, चुनाव जिताने के बाद अब उनको सपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता ही नहीं पचा पा रहे हैं। सपा के मूल वोटर समझे जाने वाले दो यादव प्रधानों पर एफआईआर दर्ज कराने की खुली पैरवी करने और भाजपा के बड़े नेताओं से दोस्ती के चर्चे हर किसी की जुबान पर हैं। उनके भाजपा में जाने की अटकलें जब-तब लगती रहती हैं। उसकी वजह यह है कि वह किसी भी एक पार्टी में कभी भी टिककर नहीं रहे। अपनी सुविधा के हिसाब से दल बदलते रहे हैं। 

ठेकेदार को विधानसभा का टिकट दिलाने का आश्वासन 

उन नेताजी के बारे में ताजा खबर यह है कि नेताजी ने अपनी पार्टी के एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख को सपा संगठन में बड़ा पद दिलाने का आश्वासन दे रखा है। वहीं लोध बिरादरी के एक ठेकेदार को आंवला या बिथरी से 2027 में विधानसभा का टिकट दिलाने का आश्वासन दे रखा है। इतना ही नहीं, एक पूर्व जिलाध्यक्ष को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाने का आश्वासन देकर भी नेताजी सपा का एक गुट अपने पक्ष में करने की कोशिश में लगे हैं। यह नेताजी पड़ोसी जिले की जलालाबाद विधानसभा सीट पर हाथी वाली पार्टी से दो बार विधायक रह चुके हैं। तीसरी बार भाजपा के हाथों पराजित हो गए थे। मगर, उसके बाद अपनी बिरादरी के बड़े नेता के साथ 2022 में सपा में शामिल होकर फिर से जलालाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़े। मगर, अबकी बार उनको पराजय का मुंह देखना पड़ा। क्योंकि तब तक उनकी चालबाजी की सारी पोल-पट्टी खुल चुकी थी। सपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पीडीए फार्मूले के तहत उन पर दांव लगाकर चुनाव लड़ाया। यह दांव सही साबित हुआ। नेताजी ने भाजपा के गढ़ में उनके बड़े नेताओं की आपसी फूट का फायदा उठाकर यह चुनाव जीत लिया। मगर, चुनाव जीतते ही नेताजी ने सबसे पहला काम सपा या जनता के हित में नहीं किया।

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भाजपा नेता को दिल्ली में सरकारी आवास दिलाने के लिए लिखा पत्र

सपा के नेताजी ने चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले भाजपा के एक बड़े नेता को दिल्ली में सांसद कोटे से आवास दिलाने के लिए पत्र लिखा। उसके बाद दूसरा काम यह किया कह सपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ताओं से दूरी बना ली। चुनाव जीतने के बाद तमाम सपा कार्यकर्ताओं की शिकायत अब भी है कि उनके फोन काल्स नहीं उठते। नेताजी के पास पुराने बसपा नेता या फिर चापलूस टाइप के चंद सपा नेताओं का जमाबड़ा लगा रहता है। जमीनी कार्यकर्ता मायूस है। नेताजी की तीसरी उपलब्धि मामूली विवाद पर अपनी बिरादरी की तगड़ी पैरवी करके भमौरा थाने में दो यादव प्रधानों पर एफआईआर दर्ज कराना रही। अब इन नेताजी के बारे में नई खबर यह मिली है कि उन्होंने एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख को सपा संगठन में बड़ा पद दिलाने का आश्वासन दिया है। हालांकि इस मामले में उनकी बात सपा का शीर्ष नेतृत्व किस हद तक मानेगा, यह तो वक्त तय करेगा। मगर, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अपने छोटे-मोटे काम कराने के अलावा जिलाध्यक्ष बनने के आश्वासन पर ही नेताजी के ठिकाने पर दिन-रात हाजिरी देते हैं। वहीं नेताजी का आलम यह है कि लोधी बिरादरी के एक ठेकेदार को बिथरी या आंवला में किसी एक विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से टिकट दिलाने का आश्वासन दे चुके हैं। ठेकेदार भी इस आवश्वासन के बाद विधायक बनने का सपना पाले नेताजी की सेवा में दिन-रात लगे रहते हैं। वह उनकी सेवा हर तरह से करते हैं। फिलहाल, तो नेताजी संवैधानिक रुप से बड़ा पद पाने के बाद सपा के स्थानीय नेताओं को दरकिनार करके अपना उल्लू सीधा कर ही चुके हैं। अपने प्रत्याशी को चुनाव जिताने के बाद जितनी तकलीफ सपा नेताओं को उन नेताजी से हो रही है, उतनी तो भाजपा के सांसद से भी नहीं थी। इस बात की चर्चा हर तरफ है। कुछ सपा नेता अपने दर्द को लखनऊ तक भी बता आए। मगर, वहां उनकी सुनने वाला कौन है।

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