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Ahsan Mian: तकवा और परहेजगारी की मिसाल थीं सययदा फातिमा जहरा

माहे रमजान के तीसरे रोजे पर हजरत इमाम हुसैन की वालिदा सययदा फातिमा जहरा का विसाल हुआ था। इस मौके पर दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीं अहसन मियां के निवास पर महफिल का आयोजन हुआ जिसमें सययदा फातिमा जहरा को खिराजे अकीदत पेश की गई ।

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Sudhakar Shukla
roza
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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता

बरेली। माहे रमजान के तीसरे रोजे पर हजरत इमाम हुसैन की वालिदा सययदा फातिमा जहरा का विसाल हुआ था। इस मौके पर दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीं अहसन मियां के निवास पर महफिल का आयोजन हुआ  जिसमें सययदा फातिमा जहरा को खिराजे अकीदत पेश की गई ।

गरीबों, यतीमों और जरूरतमंदों की मददगार: हज़रत फातिमा

मुफती अहसन मियां ने उनकी सीरते पाक पर रोशनी डालते हुए कहा कि उनको सब्र, तकवा और परहेजगारी के लिए जाना जाता है। आपकी जिंदगी मुस्लिम महिलाओं के लिए एक मिसाल है । हजरते फातिमा हमेशा गरीबों, यतीमां, बेवाओं और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा आगे रहीं। इस मौके पर बोलते हुए मुफती सलीम नूरी ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने फरमाया कि फातिमा  मेरे जिगर का टुकडा हैं जिसने उन्हें तकलीफ दी उसने मुझे तकलीफ दी।

दरगाह में फातहा ख्वानी और रोजा अफतार

दरगाह के मीडिया प्रभारी ने नासिर कुरैशी ने बताया कि फातहा ख्वानी के बाद सज्जादा नशीं अहसन मियां ने खुसूसी दुआ की । इस मौके पर रोजा अफतार  का भी आयोजन किया गया। इस दौरान मौजूद रहने वालों में मौलाना जाहिद रजा, मौलाना बशीर उल कादरी , शाहिद नूरी, परवेज नूरी , अजमल नूरी, औरंगजेब नूरी आदि शामिल है।

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