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घोटाला...निश्चित लागत से अधिक दाम पर साइन बोर्ड खरीद डाले

हरिराम इंटरप्राइजेज फर्म संचालक ने जुगाड़ कर मझगवां ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में साइन बोर्ड लगाने का ठेका ले लिया। प्रधान-सचिव ने कोटेशन के आधार पर उससे निश्चित लागत से अधिक दाम पर साइन बोर्ड खरीद डाले।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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हरिराम इंटरप्राइजेज फर्म संचालक ने जुगाड़ कर मझगवां ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में साइन बोर्ड लगाने का ठेका ले लिया। प्रधान-सचिव ने कोटेशन के आधार पर उससे निश्चित लागत से अधिक दाम पर साइन बोर्ड खरीद डाले। मामला डीएम तक पहुंचा तो शेष ग्राम पंचायतों ने फर्म से साइन बोर्ड लगवाने को मना कर दिया। लेकिन, तब तक 80 ग्राम पंचायतों ने 29.84 लाख रुपये के साइन बोर्ड खरीद लिए थे और भुगतान भी कर दिया था। ये खुलासा अपर मुख्य अधिकारी (एएमए) जिला पंचायत और सहायक अभियंता की संयुक्त जांच में हुआ है।एएमए डॉ. नीतू सिंह सिसोदिया और सहायक अभियंता अंजार अहमद ने 30 जून को संयुक्त हस्ताक्षर से जांच रिपोर्ट डीपीआरओ को उपलब्ध करा दी है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 26 ग्राम पंचायतों में केंद्रीकृत तरीके से साइन बोर्ड स्थापित नहीं कराए गए हैं, बल्कि प्रत्येक ग्राम पंचायत ने कोटेशन लेकर साइन बार्ड खरीदे हैं। 

साइन बोर्ड के लिए किए गए भुगतान के संबंध में जांच अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 15 सौ गुणे 12 सौ एमएम वाले रेट्रोरिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड के संंबंध में पीडब्ल्यूडी ने जीएसटी व अन्य करों समेत कुल 32,675 रुपये की कीमत तय कर रखी है। जबकि, ग्राम पंचायतों ने इस नियम को दरकिनार कर 37,300 रुपये की दर से साइन बोर्ड की खरीदारी अनाधिकृत रूप से की है। इस तरह ग्राम पंचायतों ने प्रत्येक साइन बोर्ड की खरीद में 4,625 रुपये का अधिक भुगतान किया है। इस तरह सभी 26 ग्राम पंचायतों ने अनियमित रूप से कुल 29.84 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। जिसमें निर्धारित कीमत से 3.70 लाख रुपये का अधिक भुगतान किया जाना शामिल है। जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा है कि साइन बोर्ड की अनियमित और अधिक धनराशि से खरीदारी कर अनावश्यक रूप से शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है।

चार में से तीन सचिव ने ग्राम निधि में जमा किए रुपये 

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मझगवां ब्लॉक की ग्राम पंचायत बलेई भगवंतपुर, अखा, ढका के पंचायत सचिव राजेंद्र कुमार गोयल ने 1,11,900 रुपये में से तीन किस्तों में 55,900 रुपये जमा किए है। इसके बाद तत्कालीन डीपीआरओ धर्मेंद्र कुमार ने चार अगस्त 2023 को एक आदेश जारी कर उनकी शेष अदायगी पर रोक लगा दी थी। आदेश पत्र में रोक का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है। राजपुर कलां के पंचायत सचिव रूपराम ने 37,300 रुपये जमा किए हैं। इतने ही रुपये शिवपुरी, रुखाड़ा के पंचायत सचिव अजय कुमार ने भी जमा किए हैं। कैनी शिवनगर के पंचायत सचिव विनोद व्यास ने 18,650 रुपये जमा किए हैं। इन लोगों ने यह धनराशि ग्राम निधि खाते में जमा की है। डीपीआरओ कमल किशोर ने बताया कि जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। प्रकरण संज्ञान में आने पर हमने कार्रवाई शुरू कर दी थी। कई ग्राम पंचायत सचिव से वसूली भी कर ली है। शेष लोगों का भी उत्तरदायित्व तय कर उनसे वसूली की कार्रवाई शुरू की जा रही है। 
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