Advertisment

मक्का और मदीना की सुरक्षा सऊदी हुकूमत की जिम्मेदारी है: मौलाना रजवी

सऊदी अरब ने अमेरिका से मक्का शरीफ की हिफाजत के लिए असलहा कि खरीदारी की है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि किसी भी मुल्क का असलहा खरीदना या बेचना, उसकी विदेश नीति पर आधारित है।

author-image
Sudhakar Shukla
maulana_mufti_shahabuddin
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

सऊदी अरब ने अमेरिका से मक्का शरीफ की हिफाजत के लिए असलहा कि खरीदारी की है। इस मामले में विवाद खड़ा हो गया है। इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने पक्ष लेते हुए कहा है कि किसी भी मुल्क का असलहा खरीदना या बेचना, उसकी विदेश नीति पर आधारित है। कौन देश किस देश से असलहा खरीदेगा या बेचगा इस पर मजहब का टाइटल लगाना दानिशमंदी व समझदारी की बात नहीं है। 


दरअसल सऊदी अरब को इस बात के लिए दोषी ठहराया जा रहा है कि वह एक मुस्लिम देश है और अमेरिका ईसाई देश है तो मुस्लिम देश ईसाई देश से कैसे असलहा खरीद रहा है। इस पर मौलाना ने स्पष्ट किया है कि  यह दोनों चीज दोनों मुल्कों की अपनी विदेश नीति पर आधारित है। असलहा खरीदने पर इस्लाम धर्म का टाइटल न लगाया जाए, बल्कि हर देश अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए असला खरीदते हैं। मक्का शरीफ और मदीना शरीफ यह दोनों शहर इस्लाम के केंद्र हैं, इसलिए इसकी सुरक्षा के लिए जो भी उपाय सऊदी हुकूमत कर सकती है वह कर रही है।
उन्होंने कहा के इसराइल ने इंटरनेट मीडिया पर ग्रेटर इजराइल का नक्शा जारी किया है, उसके नक्शे में मदीना शरीफ और मक्का शरीफ जैसे मुकद्दर शहरों का भी नाम है, इसलिए सऊदी अरब यह समझता है कि शायद भविष्य के दिनों में अगर इसराइल इन दोनों शहरों पर हमला करता है तो उनकी हिफाजत की जा सके, और दोनों मुकद्दस जगह को किसी भी तरह से नुकसान होने से बचाया जा सके।

इस्लाम से जोड़कर न देखा जाए देवरिया की घटना 

Advertisment

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने देवरिया की घटना पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा की मोहम्मद अंसारी मानसिक तौर पर एक बीमार और पागलपन का शिकार था। उसकी बीवी का बयान है कि यह कहीं झाड़ फूंक के लिए जाया करते थे, वहां से प्रभावित थे, इनके ऊपर जिन भूत प्रेत के असरात थे। उससे प्रभावित होकर दिमाग काम नहीं कर रहा था, जिसकी वजह से उन्होंने अपना गला खुद रेट लिया और उसका नाम कुर्बानी दे दिया गया। मौलाना ने कहा कि इस्लाम इंसान की कुर्बानी नहीं मांगता, बल्कि इस्लाम तो जान बचाने को फर्ज करार देता है। इस घटना को जो लोग भी इस्लामी त्योहार कुर्बानी से जोड़कर देख रहे हैं उनसे मेरी गुजारिश है कि इसको कुर्बानी यानी इस्लामी त्यौहार से जोड़कर ना देखें। क्योंकि यह तो पागलपन और दिमागी बीमारी की वजह से ऐसा हुआ।

Advertisment
Advertisment