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शाहजहांपुर : फर्जी सीबीआई बनकर किया डिजिटल अरेस्ट, एक करोड़ दो लाख वसूले

फर्जी सीबीआई अफसर बनकर साइबर ठगों ने चौक कोतवाली के मोहल्ला दीवान जोगराज निवासी अधिवक्ता दिवगंत प्रकाश चंद्र सक्सेना के पुत्र शरदचंद्र को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उनसे एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी कर ली।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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फर्जी सीबीआई अफसर बनकर साइबर ठगों ने चौक कोतवाली के मोहल्ला दीवान जोगराज निवासी अधिवक्ता दिवगंत प्रकाश चंद्र सक्सेना के पुत्र शरदचंद्र को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। उनसे एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी कर ली। धोखाधड़ी के केस में जमानत देने के नाम पर 14 दिन तक फंसाए रखा, फिर बरी हाेने का प्रपत्र जारी कर मोबाइल बंद कर लिए। मामले में साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महात्मा रामचंद्र मिशन आश्रम से जुड़े शरद चंद्र सक्सेना का वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के मकान के पीछे ही आवास है। छह मई को उनके पास व्हाट्सएप वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस डिपार्टमेंट का डायरेक्टर बताया। 

खुद को सीबीआई का आईपीएस अधिकारी बताया

इसके बाद विजय खन्ना नाम के व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का आईपीएस अधिकारी बताकर बातचीत शुरू की। उसने कहा कि सेंट्रल बैंक आफ मुंबई से आपके यहां से दो करोड़ 30 लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। शरद ने मुंबई की बैंक में खाता होने से इन्कार कर दिया। बताया कि वह पिछले 20 साल से मुंबई नहीं गए। इस पर शरद को सात मई को दिल्ली बुलाया गया। 

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कहा कि सीबीआई चीफ राहुल गुप्ता से बात करना। उसी दिन लैपटॉप पर ऑनलाइन आकर कहा कि जस्टिस खन्ना के यहां पेश होना होगा। जस्टिस खन्ना भी ऑनलाइन आए और कहा कि आपकी एफडी 94 लाख की है। उसे लिक्विडेट कर उनके दिए खाते पर आरटीजीएस कर दें। शरद ने 14 मई को 71 लाख रुपये हैदराबाद की एक बैंक को भेज दिए। 

जस्टिस खन्ना बने व्यक्ति ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत करानी होगी। इसके साथ ही बेल ऑर्डर भेजा। उनके कहने पर 9,50,000 रुपये 15 मई को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते पर भेजे। इससे पहले भी जमानत के नाम पर 23,45,130 रुपये, 32,000 रुपये खातों पर मांगे गए। 15 मई तक एक करोड़ दो लाख रुपये की धनराशि भेजी गई। 19 मई को एक प्रपत्र सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया का उनके पास आया। इसमें सारे चार्ज से बरी करते हुए सारा रुपया खाते में भेजने की आदेश हुआ। 

उसके बाद शरद का उन लोगों से संपर्क नहीं हो पाया। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ। शरद ने साइबर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि उनके रुपये में पांच लाख 80 हजार रुपये मेमोरियल ट्रस्ट ऑफ बाबूजी, शाहजहांपुर का भी है। पुलिस ने मामले की जांच को शुरू कर दिया है। सीओ सिटी पंकज पंत ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले की विवेचना कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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