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शाहजहांपुर : कुल्हाड़ी मारकर महिला की हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा

महिला की हत्या के दोषी युवक को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी महिला की बेटी को तालीम देने आता था। उस पर बुरी नजर डालने पर घरवालों ने उसका घर में आना रोक दिया।

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Sudhakar Shukla
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कोर्ट की डीएम को चेतावनी Photograph: (YBN)

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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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महिला की हत्या के दोषी युवक को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी महिला की बेटी को तालीम देने आता था। उस पर बुरी नजर डालने पर घरवालों ने उसका घर में आना रोक दिया। इसी से नाराज होकर उसने मां और बेटी पर हमला किया था।

आरसी मिशन थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले के रहने वाले व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दाऊद नाबालिग बेटी को तालीम देने आता था। उसने बेटी के साथ गलत हरकत की तो उसको घर आने से रोक दिया। इसके बाद से दाऊद बेटी को परेशान करने लगा। इस पर उसने उसे डांटा लेकिन कहीं शिकायत नहीं की।

इसी दौरान दाऊद की मां ने उसकी पत्नी से झगड़ा करते हुए देख लेने की धमकी दी। उसने दाऊद से बेटी की शादी कराने की बात कही लेकिन बेटी की उम्र कम होने और बिरादरी एक न होने के कारण शादी कराने से इन्कार कर दिया। 17 जून 2022 की दोपहर दाऊद अपने तीन भाइयों सलीम, सैफ और सलमान व दो अन्य लोगों के साथ हाथ में कुल्हाड़ी लेकर घर में घुसा और नमाज अदा कर रही पत्नी के सिर पर वार कर दिया।

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उसने बेटी पर भी वार कर उसे भी गंभीर रूप से घायल कर दिया। परिवार के लोगों के आने पर वह भाग गया। अस्पताल में डॉक्टर ने पत्नी को मृत घोषित कर दिया। घटना को छोटे बेटे ने देखा था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। विवेचना के बाद दाऊद के खिलाफ आरोपपत्र अदालत भेजा। मुकदमा चलने के दौरान गवाहों के बयानात और साक्ष्यों के आधार पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने दाऊद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

चाचा की गैरइरादतन हत्या में तीन भाइयों समेत चार को दस-दस वर्ष कारावास की सजा

चाचा की गैरइरादतन हत्या में अदालत ने तीन भाइयों समेत चार लोगों को दस-दस वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। सिंधौली थाना क्षेत्र के पैना बुजुर्ग गांव के रहने वाले प्रदीप कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दो जुलाई 2023 को उसके चचेरे भाई पंकज, प्रकाश और मुन्ना, मुन्ना के बेटा करन उनके घर के सामने पड़ी खाली जगह पर कब्जा करने के लिए ईंट रख रहे थे। इस पर पिता रामचंद्र ने विरोध किया। इससे नाराज उन लोगों ने लाठी-डंडे व भाला से हमला कर दिया। पिता को बचाने के लिए वह, भाई सर्वेश, पत्नी रानी आए तो उन लोगों ने उन्हें भी पीटा। इलाज के दौरान पिता की मौत हो गई। अदालत में मुकदमा चलने के दौरान गवाहों के बयानात और साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश नरेंद्रनाथ पांडेय ने पंकज, प्रकाश, मुन्ना और करन को दस-दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। 

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