Advertisment

रामत्व और रावणत्व का गूढ़ संदेश दे रही त्रिवटीनाथ मंदिर की श्रीराम कथा

बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर के रामालय में चल रही श्री रामचरितमानस कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास उमाशंकर व्यास ने रामत्व और रावणत्व के माध्यम से जीवन के गहरे संदेशों को रेखांकित किया।

author-image
Sudhakar Shukla
erer
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर के  रामालय में चल रही श्री रामचरितमानस कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास उमाशंकर व्यास ने रामत्व और रावणत्व के माध्यम से जीवन के गहरे संदेशों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम के चरित्र से जहां पशुता भी मानवता में परिवर्तित हो जाती है, वहीं रावण का पतन यह सिखाता है कि महान कुल में जन्म लेना भी बिना सद्गुणों के व्यर्थ है।
 कथा व्यास ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने समुद्र से विनयपूर्वक मार्ग देने का अनुरोध किया, पर जब विनती का कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने धर्म और कर्म के संतुलन का संदेश देते हुए धनुष उठाया।

विनम्रता के साथ साहस और धर्म की रक्षा के लिए संकल्प भी

यही मर्यादा पुरुषोत्तम का आदर्श है, विनम्रता के साथ साहस और धर्म की रक्षा के लिए संकल्प भी। कथा के दौरान रामालय में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रीराम की आरती के बाद भक्तों ने  प्रसाद ग्रहण किया। वहीं कथा के बाद मंदिर सेवा समिति के मीडिया प्रभारी संजीव औतार अग्रवाल ने बताया कि बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर परिसर में निर्मित हो रहे जगद्जननी मां नवदुर्गा मंदिर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ ली है और दूसरे तल के लिंटर का कार्य शीघ्र पूर्ण होगा। इसके  बाद भव्य शिखर निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होगी। कथा के आयोजन में प्रताप चंद्र सेठ, संजीव औतार अग्रवाल, सुभाष मेहरा और हरिओम अग्रवाल सहित कई लोग मौजूद रहे।

bareilly updates bareilly news
Advertisment
Advertisment