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Shrimad Bhagwat Katha: ईश्वर ही सृष्टि के संचालक, उनके बिना नहीं चल सकती है सृष्टि

विश्व शांत शिव मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य अवधेश कृष्ण ने राजा परीक्षित के ज्ञान की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि ईश्वर ही सृष्टि के संचालक है। उन्हीं से सृष्टि चलती है।

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Sudhakar Shukla
Shrimad Bhagwat Katha
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। विश्व शांत शिव मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य अवधेश कृष्ण ने राजा परीक्षित के ज्ञान की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि ईश्वर ही सृष्टि के संचालक है। उन्हीं से सृष्टि चलती है। ईश्वर के बिना सृष्टि कुछ भी नहीं है। जिस दिन ईश्वर नहीं चाहते है। एक दिन भी सृष्टि नहीं चल सकती।

आचार्य अवधेश कृष्ण के प्रवचन

श्री विश्व शांति शिव मंदिर सुरेश शर्मा नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस के अंतर्गत बृंदावन से पधारे आचार्य अवधेश कृष्ण ने कहा कि श्रीमद् भागवत सभी वेदों का सार है। इसको पढ़ने या सुनने के बाद किसी अन्य ग्रंथ को पढ़ने की आवश्यकता नहीं रह जाती।

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भगवान की रचना और भजन का महत्व

उन्होंने बताया कि श्री शुक्र देव जी ने राजा परीक्षित को बताया कि समस्त ब्रह्मांड भगवान की रचना है। ध्रुव चरित्र के माध्यम से संदेश दिया कि भजन की कोई निश्चित अवस्था नहीं होती। प्रत्येक व्यक्ति को भजन तो युवा अवस्था से ही प्रारंभ कर देना चाहिए। ।कथा के अंत में मधुर मधुर आचार्य जी के भजनों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होनें बताया कि कल भगवान बाल कृष्ण जी का जन्म महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। कथा में साकेत सुधांशु शर्मा , बी डी शर्मा ,एस आर  सिंह ,राजेंद्र सिंह ,एम सी शर्मा ,अरुण अग्रवाल ,देवेंद्र यादव ,एस पी सिंह ,सतीश चंद्र गुप्ता आदि उपस्थित थे।

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