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सर, कृपया मुझे पास कर दीजिए, नहीं तो पापा मेरी शादी करा देंगे यह किसने लिख दिया, जाने पूरी खबर यंग भारत पर

यूपी बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य तेजी से जारी है। जिले में इसके लिए चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, जहां परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा रही हैं।

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Shivang Saraswat
UP Board exam
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। बरेली। यूपी बोर्ड परीक्षा समाप्त होने के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य तेजी से जारी है। जिले में इसके लिए चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं, जहां परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा रही हैं। इस दौरान कुछ उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षार्थियों द्वारा अजीबोगरीब बातें लिखी मिली हैं। कई छात्रों ने इमोशनल नोट्स लिखकर परीक्षकों से पास करने की गुहार लगाई है। छात्रा ने लिखा, "मैडम/सर, कृपया मुझे पास कर दीजिए, नहीं तो पापा मेरी शादी करा देंगे," तो किसी ने आर्थिक तंगी का हवाला देकर सहानुभूति मांगी है। मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के मुताबिक, इस तरह के अनुरोध हर साल देखने को मिलते हैं, लेकिन इस बार कुछ अधिक संख्या में भावुक अपीलें सामने आई हैं।

गरीबी बनी मजबूरी: छात्रा की कॉपी में भावुक अपील

हाईस्कूल की एक छात्रा ने अपनी उत्तर पुस्तिका में भावुक अपील लिखी। उसने लिखा, "मेरे माता-पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं, जबकि मैं नानी के पास रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करने की कोशिश कर रही हूं। हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। सर, कृपया मुझे पास कर दीजिए, ताकि मैं अपनी पढ़ाई जारी रख सकूं और आगे बढ़ सकूं।"

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इंटरमीडिएट छात्र की अपील – पढ़ाई जारी रखने के लिए अच्छे नंबर जरूरी

इसी तरह, इंटरमीडिएट के एक छात्र ने भी अपनी उत्तर पुस्तिका में भावनात्मक अपील की। उसने लिखा, "मेरे पिता किसान हैं और हमारी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उन्होंने साफ कह दिया है कि अगर अच्छे नंबर नहीं आए तो मेरी आगे की पढ़ाई रोक दी जाएगी और जल्द ही मेरी शादी करा दी जाएगी। सर, कृपया मेरी मदद कीजिए और मेरी इज्जत बचा लीजिए, ताकि मैं अपनी शिक्षा जारी रख सकूं।"

इमोशनल अपील से भरी कॉपियां, लेकिन नियमों से बंधे हैं परीक्षक

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मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों के अनुसार, इस तरह की भावनात्मक अपीलें हर साल देखने को मिलती हैं, लेकिन इस बार कई छात्रों ने अपनी पारिवारिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए पास करने की गुहार लगाई है। कुछ ने आर्थिक तंगी तो कुछ ने सामाजिक दबाव का जिक्र किया है। हालांकि, परीक्षक इन अनुरोधों को पढ़कर भावुक हो जाते हैं, लेकिन उन्हें उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन निर्धारित मानकों और नियमों के आधार पर ही करना होता है।

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