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जिला अस्पताल के सामने लगे जाम में फंसी सरकारी एंबुलेंस।
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जिला अस्पताल के सामने लगे जाम में फंसी सरकारी एंबुलेंस।
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल चुका है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर में बदलाव भी नजर आता है। मगर शहर में फैले अतिक्रमण और ट्रैफिक में कोई सुधार नजर नहीं आता, या यूं कहिए कि हालात पहले की अपेक्षा और बिगड़े हैं। जिला अस्पताल रोड और शाहमतगंज में फ्लाईओवर बनने के बाद जाम और ज्यादा लगने लगा। जिला अस्पताल रोड पर एंबुलेंस तक निकलना मुश्किल है। यहां दिनभर जाम लगा रहता है। एंबुलेंस के जाम में फंसने पर उनमें लेटे मरीज तड़पते रहते हैं। खास बात यह कि यहां ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी भी नहीं लगती।
करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से कुतुबखाना फ्लाईओवर बनाया गया, ताकि जिला अस्पताल से कोहाड़ापीर तक लगने वाले जाम से मुक्ति मिल सके। मगर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद हालात सुधरने के बजाय और बिगड़ गए। यहां पूरी सड़क पर दुकानदारों का कब्जा है। लाइलाज हो चुकी इस बीमारी को न तो पुलिस अधिकारी दूर करने की कोशिश करते, और न ही नगर निगम के अफसर।
जिला अस्पताल में अक्सर वीआईपी का आना जाना होता है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री समेत तमाम जनप्रतिनिधि जिला अस्पताल का दौरा करते रहे हैं। एडीजी, आईजी, कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और दूसरे अफसर अक्सर जिला अस्पताल जाते जाते हैं। मगर जिला अस्पताल के सामने अतिक्रमण पर कोई ध्यान नहीं देता। पहले सड़क के दोनों छोर पर दुकानदारों का कब्जा था, लेकिन फ्लाईओवर बनने के बाद पुल के नीचे बीच की सड़क भी ठेले-फड़ वालों ने घेर ली। हालात यह हैं कि आम दिनों में भी इस सड़क से दोपहिया वाहन तक ठीक से निकलना मुश्किल है।
नगर निगम ने अब तक जितने अतिक्रमण अभियान चलाए सब में सिर्फ खानापूरी की गई। एक तरफ टीम अतिक्रमण हटाती गई, दूसरी तरफ पीछे-पीछे अतिक्रमण फिर होता गया। अफसरों पलटकर हालात का जायजा लेना भी जरूरी नहीं समझा। पिछले महीने ही नगर निगम की टीम ने जिला अस्पताल रोड से अतिक्रमण हटवाया था, लेकिन उसके बाद फिर हालात जस के तस हो गए।
पिछले महीने डीएम रविंद्र कुमार जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्हें अतिक्रमण की इस समस्या से दो-चार होना पड़ा। निरीक्षण के बाद डीएम ने नगर आयुक्त को फोन कर तत्काल अतिक्रमण हाटने के निर्देश दिए थे। मगर नगर निगम के अफसरों ने डीएम के आदेश को हवा में उड़ा दिया। अतिक्रमण हटना तो दूर कोई अधिकारी या कर्मचारी हालात देखते तक नहीं पहुंचा।
शहर कोतवाल रहे इंस्पेक्टर राजा सिंह का बरेली से तबादला हुए करीब एक दशक बीत चुका है, लेकिन वह शहरवासियों को अब भी याद आते हैं। इंस्पेक्टर राजा सिंह के कार्यकाल में जिला अस्पताल रोड पूरी तरह साफ रहता था। वह खुद डंडा लेकर अतिक्रमणकारियों को दौड़ाते थे। सड़क घेरने वालों के खिलाफ मुकदमा या दूसरी कार्रवाई करते थे। खास बात यह कि कोतवाली पुलिस की गाड़ी के हूटर की आवाज सुनते ही अतिक्रमणकारियों में भगदड़ मच जाती थी। मगर राजा सिंह का तबादला होने के बाद से अतिक्रमणकारी बेखौफ हो गए।